बिहार चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एनडीए गठबंधन के सक्रिय और लोकप्रिय स्टार प्रचारक हैं. महज 10 दिनों में सीएम योगी ने 31 चुनावी कार्यक्रम किए, जिसमें 30 रैलियां और एक रोड शो शामिल हैं. इन रैलियों के जरिए उन्होंने भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के कुल 43 प्रत्याशियों के पक्ष में वोट की अपील की. साथ ही विपक्ष पर भी हमलावर दिखाए दिए.
सीएम योगी के कार्यक्रम की पार्टी ने दी यह जानकारी
पार्टी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सीएम योगी आदित्यनाथ ने 16 अक्टूबर को बिहार का चुनाव प्रचार शुरू किया था और 10 दिनों में राज्य के कई जिलों में रैलियां कीं. दरभंगा में उन्होंने रोड शो कर एनडीए प्रत्याशी के लिए समर्थन मांगा. जिस जिले में गए, वहां जनता का उत्साह देखते ही बनता था.
कहीं लोग छतों पर चढ़कर तो कहीं पेड़ों और दीवारों पर खड़े होकर ‘बुलडोजर बाबा’ का दीदार करते नजर आए. सीएम योगी आदित्यनाथ इन चुनावों में एनडीए के लिए सबसे ज्यादा डिमांड वाले स्टार प्रचारकों में रहे.
सीएम योगी की जनसभाओं में उमड़ी भारी भीड़
उन्होंने बताया कि यूपी में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति ने कैसे माहौल बदला और निवेश बढ़ाया. मुख्यमंत्री योगी ने कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को हर जनसभा में कोसा और बिहार के लोगों को जंगलराज की याद दिलाई. इसके साथ उनका यूपी के विकास मॉडल, धार्मिक पर्यटन के साथ अच्छे निवेश पर भी फोकस रहा. विपक्ष ने बिहार को ‘जंगलराज’ और भ्रष्टाचार में डुबोया, और वे अब फिर सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं.
सीएम योगी ने मतदाताओं से की ये अपील
उन्होंने मतदाताओं से अपील की और कहा है कि वे विकास, रोजगार और कानून व्यवस्था के लिए एनडीए सरकार को मजबूत करें. बिहार चुनाव में सीएम योगी की ताबड़तोड़ रैलियों ने न सिर्फ राजनीतिक ऊर्जा का संचार किया, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि ‘बुलडोजर बाबा’ अब सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी एनडीए के सबसे असरदार प्रचारक बन चुके हैं.