उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बीती 5 अगस्त को धराली में आई आपदा के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों लोगों के आशियाने उजड़े थे. यही नहीं बड़ी संख्या में लोग लापता हो गए थे. वहीं इस आपदा से जुड़ा एक किस्सा अब सामने आया है. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब हैलीकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंचे तो खराब मौसम की वजह से लैंड होने में खतरा था, तब उन्होंने हैलीकॉप्टर से कूदने की कोशिश की थी ताकि लोगों तक पहुंच सकें. इसका खुलासा सीएम ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में किया.
उत्तरकाशी में धराली में खीर गंगा नदी से 5 अगस्त को एक बड़ी आपदा उस इलाके में आई थी. इस आपदा के सामने आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार उस इलाके में बने रहे, जब तक की वहां से एक-एक व्यक्ति को बाहर नहीं निकाल दिया गया, तब तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद उत्तरकाशी में मौजूद रहे और धराली पहुंचकर उन्होंने वहां फंसे लोगों से मुलाकात की थी.
लोगों तक पहुंचने के लिए परेशान थे सीएम धामी
धराली में आपदा के तुरंत बाद ही सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी पहुंच गए थे. सीएम धामी धराली में हेलीकॉप्टर से पहुंचने की कोशिश करते रहे. लगभग चार बार उन्होंने कोशिश की, लेकिन लगातार हो रही बारिश और उस इलाके में आई आपदा के कारण हेलीकॉप्टर वहां नहीं उतर पा रहा था.
मुख्यमंत्री इस कदर व्याकुल थे वहां के लोगों की मदद करने के लिए और उनसे मिलने के लिए कि उन्होंने अपने हेलीकॉप्टर के पायलट से कहा कि तुम जमीन से कुछ ऊपर तक हेलीकॉप्टर ले चलो ताकि मैं हेलीकॉप्टर से नीचे कूद जाऊं.
चार बार कोशिश की कूदने की
लगभग चार बार कोशिश की गई लेकिन सफलता प्राप्त नहीं हुई. फिर कुछ समय बाद जब बारिश रुकी किसी तरह से पायलट ने हेलीकॉप्टर धराली में उतार दिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धराली पहुंचकर वहां के लोगों से मिल पाए थे. वहां मौजूद कई लोगों से उन्होंने मुलाकात की थी. उनमें से एक महिला ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर मुख्यमंत्री के हाथ में राखी भी बांधी थी. उस वक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर जो तकलीफ देखने को मिली थी वह तस्वीरों में कैद हो गई थी.
मेरी जान से ज्यादा मेरी जनता की जान जरुरी
चार दिन तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी और धराली में मौजूद रहे. वहां से जब तक फंसे हुए सभी लोगों को रेस्क्यू करके बाहर नहीं निकाल दिया गया तब तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी से नहीं लौटे थे. यह किस्सा अब जाकर सामना आया है, जिसमें खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं.
जब उनसे एबीपी न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार ने पूछा कि क्या यह बात सच है कि आप हेलीकॉप्टर से कूदना चाहते थे तो उन्होंने कहा कि हम बचपन से खेलते कूदते हुए बड़े हुए हैं. हम पहाड़ के रहने वाले लोग हैं, हमें पता है कि हमें क्या करना है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेरे लिए मेरी जान से ज्यादा जरूरी मेरे प्रदेशवासियों की जान है, आपदा के ऐसे वक्त में जब मेरी जरूरत वहां के लोगों की थी तो मैं कैसे वहां नहीं पहुंचता.
धराली में 50 से ज्यादा मौतें हुईं थीं
बता दें कि धारली में से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों मकान ज़मीदोज़ हो गए थे. अभी भी इलाके में कई जगह मलवा हटाने का काम जारी है.