उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कई बात कही हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली को करीब से देखने का अनुभव अपने आप में अद्वितीय होता है. उनके साथ बिताया गया हर क्षण अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रप्रेम का एक नया पाठ सिखाता है. ऐसा ही एक वाकया वाराणसी में घटित हुआ, जिसने उनके साथ मौजूद सभी लोगों के दिल पर गहरी छाप छोड़ी.
उन्होंने बताया कि यह प्रसंग भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक का है. बैठक देर रात तक चली और लगभग 1 बजे समाप्त हुई. स्वाभाविक रूप से सभी लोग थके हुए थे और विश्राम की तैयारी में थे. तभी प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा– “अभी एक ज़रूरी काम बाकी है.” उनकी इस बात से सभी चौंक उठे कि इतनी रात को आखिर कौन-सा काम शेष रह गया.
प्रधानमंत्री ने सहज भाव से बताया कि वे अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में दिन के समय विकास कार्यों का निरीक्षण नहीं करना चाहते, क्योंकि इससे आम जनता को असुविधा होती है. इसलिए उन्होंने निश्चय किया कि वे रात में ही परियोजनाओं का जायज़ा लेंगे. इसके बाद रात के सन्नाटे में, जब पूरा शहर नींद में था, प्रधानमंत्री सड़कों पर निकल पड़े. एक-एक विकास कार्य को बारीकी से देखते हुए, हर विवरण पर स्वयं ध्यान दिया. यह क्रम चलता रहा, समय बीता, घड़ी ने 3 बजाए, फिर 4 बज गए. तब जाकर प्रधानमंत्री अपने कक्ष में लौटे.
इस घटना का सबसे अद्भुत क्षण अगली सुबह सामने आया. ठीक 9 बजे जब बैठक शुरू हुई, प्रधानमंत्री पूरी ऊर्जा के साथ उपस्थित थे. उनकी वही तेज नजर, वही अडिग एकाग्रता देखकर सभी हैरान रह गए. मानो रात की नींद की जगह उन्होंने राष्ट्रसेवा से ही ऊर्जा प्राप्त कर ली हो. प्रधानमंत्री मोदी के इस आचरण ने वहां मौजूद सभी लोगों को एक गहरा संदेश दिया यही है सच्चा नेतृत्व. ऐसा नेतृत्व जो केवल उपदेश नहीं देता, बल्कि अपने कर्म से उदाहरण प्रस्तुत करता है. उनका जीवन यह सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व अनुशासन, प्रतिबद्धता और राष्ट्रसेवा का पर्याय है.
PM मोदी की कार्यशैली में देश और जनता के प्रति अटूट समर्पण भी
इस प्रसंग ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली में केवल प्रशासनिक दक्षता ही नहीं, बल्कि देश और जनता के प्रति अटूट समर्पण भी झलकता है. यही गुण उन्हें अद्वितीय बनाते हैं और यही उन्हें करोड़ों भारतीयों का प्रेरणास्रोत भी.