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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, तपोवन में सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए स्वयं कबड्डी खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरकर कबड्डी खेली. मुख्यमंत्री को अपने साथ खेलते देख उपस्थित खिलाड़ी और दर्शक उत्साहित हो उठे,उन्होंने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि खेल केवल प्रतियोगिता नहीं बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम भावना का प्रतीक हैं.

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से पूरे देश में आयोजित हो रहा सांसद खेल महोत्सव ग्रामीण स्तर की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का एक बड़ा अभियान है. उत्तराखंड में यह खेल महोत्सव तीन चरणों में आयोजित किया जा रहा है, इसका उद्देश्य फिट इंडिया स्पोर्ट्स इंडिया स्ट्रॉन्ग इंडिया के संदेश को हर गांव तक पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन से स्थानीय, पारंपरिक और लोक खेलों को नया जीवन मिलेगा.

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सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है. राज्य सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर राज्य का मान बढ़ाया. उन्होंने बताया कि स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान के तहत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी, जहां हर वर्ष सैकड़ों खिलाड़ी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

राज्य में नई खेल नीति लागू की गई- सीएम धामी

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हल्द्वानी में उत्तराखंड का पहला खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है. राज्य में नई खेल नीति लागू की गई है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी दी जा रही है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, उदीयमान खिलाड़ी योजना और खेल किट योजना जैसी योजनाओं से युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है.

प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है- सीएम धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड खेल रत्न और हिमालय खेल रत्न पुरस्कारों के माध्यम से राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है. राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए चार प्रतिशत खेल कोटा भी पुनः लागू किया गया है जिससे खिलाड़ियों को उनके परिश्रम और उपलब्धियों का उचित सम्मान मिल सके.