उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा के हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आईआईटी कानपुर के सहयोग से स्थापित ‘साथी केंद्र’ का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी भी देश का सामाजिक और आर्थिक विकास उसकी शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है.

यह केंद्र ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए गुणवत्तापूर्ण कोचिंग और मेंटरिंग प्रदान करेगा.

प्रोजेक्ट साथी: ग्रामीण छात्रों के लिए वरदान

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रोजेक्ट साथी की शुरुआत 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को आईआईटी और आईआईएससी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसरों से ऑनलाइन कोचिंग प्रदान करना है. खटीमा का नया साथी केंद्र 80 छात्रों को ऑफलाइन कोचिंग और मेंटरिंग की सुविधा देगा. देशभर में 15 लाख से अधिक विद्यार्थी इस परियोजना से लाभान्वित हो चुके हैं, जिनमें उत्तराखंड के 29,000 छात्र-छात्राएं शामिल हैं. पिछले वर्ष 500 से अधिक छात्रों ने इस प्लेटफॉर्म की मदद से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का प्रभाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत देश की शिक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं. इस नीति का लक्ष्य विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करना है. उत्तराखंड सरकार इस नीति के तहत विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और बिग डेटा जैसे आधुनिक कोर्स शुरू करने की दिशा में काम कर रही है.

शिक्षा और शोध को बढ़ावा

सीएम धामी ने बताया कि राज्य में कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 9 नए महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं. इसके अलावा, मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना के तहत प्राध्यापकों को 18 लाख रुपये तक का शोध अनुदान दिया जा रहा है. उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशित करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किए जा रहे हैं. साइंस सिटी और एस्ट्रो पार्क की स्थापना के जरिए वैज्ञानिक शोध को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

खटीमा के लिए साथी केंद्र की अहमियत

खटीमा का यह साथी केंद्र स्थानीय और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर है. यह केंद्र न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेगा, बल्कि छात्रों को तकनीकी और रोजगारोन्मुखी शिक्षा से जोड़ेगा. इस पहल से उत्तराखंड के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा.