UP News: पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के शासनकाल में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के दो बेटों को रूपनगर जिले में वक्फ बोर्ड की कीमती जमीन आवंटित की गई थी. अमरिंदर सिंह ने दावा किया था कि उन्होंने अंसारी से कभी मुलाकात नहीं की है. 


इस बयान पर अमरिंदर सिंह को आड़े हाथ लेते हुए मान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपने बेटे रनिंदर सिंह से पूछना चाहिए कि उन्होंने कितनी बार गैंगस्टर से मुलाकात की है. पंजाब सरकार ने सोमवार को अमरिंदर सिंह और कांग्रेस विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा को वसूली नोटिस जारी किया. इसके एक दिन पहले मान ने कहा था कि वह अंसारी को रूपनगर जेल में रखने के दौरान 55 लाख रुपये के कानूनी खर्च की वसूली सिंह और रंधावा से करेंगे.


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मानहानि का मामला दर्ज कराने की धमकी
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मान पर उनके ‘चरित्र हनन’ के लिए मानहानि का मामला दर्ज कराने की धमकी दी है. रंधावा ने मुख्यमंत्री द्वारा किए गए 55 लाख रुपये के दावे का भी खंडन करते हुए कहा कि अंसारी के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता को 17.60 लाख रुपये का शुल्क दिया गया था. गौरतलब है कि अंसारी मोहाली में दर्ज रंगदारी के मामले में जनवरी 2019 से 2021 तक रूपनगर की जेल में कैद था. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पंजाब सरकार ने उसे उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में सौंपा था.


भगवंत मान ने संवादाताओं से बातचीत में कहा कि रूपनगर में वक्फ बोर्ड की कीमती जमीन अंसारी के बेटों - अब्बास और उमर को दी गई. पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरिंदर सिंह बार-बार दावा कर रहे हैं कि वह अंसारी को नहीं जानते लेकिन आश्चर्य है कि गैंगस्टर के जेल में ‘आरामदायक प्रवास’ सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनकी सरकार ने उसे कीमती जमीन देने में भी ‘मदद’ की.


उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बताने को कहा कि कैसे जमीन अब्बास और उमर को दी गई. मान ने कहा कि अगर अमरिंदर अंसारी के साथ ‘गलबहियों’ के और सबूत चाहेंगे तो यह मुहैया कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अंसारी को पंजाब की जेल में ‘वीवीआईपी’ सुविधा दी गई थी.