भदोही: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले आप पार्टी से सांसद व उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने बीते दिनों लखनऊ में पत्रकार वार्ता में कहा कि जनपद भदोही में 54000 की दर से ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद हुई है, जबकि 30 किलोमीटर दूर मिर्ज़ापुर में बारह हजार 500 की दर से सिलेंडर खरीदे गए. उन्होंने आरोप लगाया कि जो सिलेंडर खरीदे गए वह ऑक्सीजन नहीं, बल्कि नाइट्रोजन सिलेंडर थे. वहीं, इसको लेकर CMO ने सफाई दी है. योगी सरकार का बचाव करते हुए CMO(मुख्य चिकित्सा अधिकारी) ने कहा कि कोरोना महामारी के दूसरी लहर में लोगों को जान बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाया गया था, लेकिन प्रति सिलेंडर 54000 की दर से किसी को भी भुगतान नहीं किया गया है. जो भी हम लोगों ने खरीद की है वह शासन से निर्धारित तय मानकों पर की है और सांसद महोदय झूठ बोल रहे हैं. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में जिलाधिकारी द्वारा पहले ही जांच बैठा दी गई है, जिसकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है. 


स्वास्थ्य विभाग पर सवाल


भदोही जनपद में ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर हो रही धांधली से स्वास्थ्य विभाग पर लगातार कई सवाल खड़े हो रहे हैं. बीते दिनों कोविड एल टू अस्पताल में सिलेंडर की सप्लाई करने वाला सप्लायर ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करते पकड़ा गया था. तो वहीं पिछले और पहले कोरोना महामारी में लाखों रुपए के PPE किट सहित भारी मात्रा में दवाइयां किसी किराए के मकान से पकड़ी गई थीं, जिसे सरकारी अस्पतालों या फिर स्वास्थ्य महकमे के पास होना चाहिए था. हालांकि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति ही की गई थी. वहीं, इस बार प्रदेश की राजधानी लखनऊ से स्वास्थ्य महकमा भदोही के ऊपर दाग लगा है, जिसमे अत्यधिक कीमत में ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद फरोख्त का आरोप सीधे सीधे लगा है.


सीएमओ ने कहा झूठ बोल रहे हैं सांसद


सीएमओ भदोही से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, सांसद महोदय बिलकुल गलत और असत्य बोल रहे हैं और हमारा L2 COVID अस्पताल 100 बेड का था लेकिन हमारे पास मात्र 65 सिलेंडर ही मौजूद थे. कोरोना के सेकंड वेव में लोगों की जाने संक्रमण के चलते ऑक्सीजन न मिलने से चली जा रही थी, जिसे हम लोगों ने प्राथमिकता की तौर पर काशी नामक संस्था से रिक्वेस्ट कर ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड की थी, जिसमे हमें 91 सिलेंडर मिले हैं और 44 सिलेंडर की सप्लाई अभी बाकी है और पूरी डीलवरी होने के बाद सरकार द्वारा तय मानकों और कीमत के आधार पर ही भुगतान किया जाएगा.


सीएमओ ने दी सफाई


वहीं, उन्होंने यह बताया कि, जो सिलेंडर खरीदने के बाद रिफिल कराने गए तो पता लगा था कि वह नाइट्रोजन सिलेंडर है. उसके बाद उन सिलेंडरों को वापस उन्हीं काशी नामक सप्लायर को वापस भिजवा दिया गया था. CMO ने बताया कि पूरे प्रदेश में एक वेबसाइट के जरिए ही खरीदारी होती है जिसमे जंबो साइज की ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत ऊपर नीचे होती रहती है और इस समय 19500 की कीमत के आधार पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद करना तय किया गया है. 135 सिलेंडर इस दूसरी लहर के लिए खरीदने थे, जिसमे 91 आ गए है, 44 सिलेंडर आना बाकी है. उन्होंने कहा कि अभी पेमेंट नहीं की गई है पेमेंट 19500 की दर से होगी.


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