Chardham Yatra: केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) के पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूर व्यवहार (Cruelty) करने वाले दो संचालकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम (Prevention of Cruelty to Animals Act) के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. ये संचालक बीमार पशुओं से काम ले रहे थे और उनसे क्षमता से अधिक भार उठवा रहे थे. 

केदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों के साथ उनके मालिकों द्वारा ही दुर्व्यवहार किया जा रहा है. उन्हें बिना दाना-पानी दिए लगातार पैदल मार्ग पर दौड़ाया जा रहा है जिससे वे बीमार पड़ रहे हैं. वे कुछ संचालक बीमार पशुओं को भी दौड़ा रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

बिना रजिस्ट्रेशन के पशुओं से लिया काम तो होगी कार्रवाई

उधर, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत ने बताया कि घोड़े-खच्चर संचालक एवं हाॅकरों की मिल रही शिकायतों के बाद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में पशुपालन विभाग ने तत्काल दो टीमें गठित की हैं. आशीष रावत ने बताया कि गठित टीमें यह देख रही हैं कि कहीं बीमार और कमजोर पशुओं का संचालन तो नहीं हो रहा है. इसके साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन के पशुओं से ढुलाई का काम करने वालों पर एफआरआई दर्ज की जा रही है.

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जांच के दौरान दो लोगों के खिलाफ एफआईआर

उन्होंने बताया कि जांच अभियान के दौरान दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ऊखीमठ के दिलबर सिंह का खच्चर पिछले तीन से चार दिन से बीमार चल रहा था, फिर भी उसे यात्रा पर ले जाया जा रहा था. खच्चर को उपचार के लिए गौरीकुंड के पशु चिकित्सालय गौरीकुंड लाया गया. एक व्यक्ति जिस पर एफआईआर की गई है उसका नाम मोहम्मद शहवान है जो अपने खच्चर से क्षमता से अधिक भार ढुलवा रहा था. खच्चर पर एक व्यस्क व्यक्ति तथा एक 10-12 साल का बच्चा बैठा था.  

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