Dehradun News: अगले महीने 22 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) को लेकर सरकार जोरों शोरों से तैयारियों में जुट गई है. सरकार इस बार यात्रा के दौरान किसी भी तरह की कमी नहीं चाहती, लेकिन बद्रीनाथ धाम में हो रहे मास्टर प्लान के काम और जोशीमठ आपदा सरकार के सामने चुनौती बन रही है. तीर्थ पुरोहित भी यह बात मान कर चल रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि सरकार को ग्राउंड जीरो पर जाकर स्थानीय लोगों और तीर्थ पुरोहित से बातचीत कर यात्रा से पहले इसका समाधान निकालना चाहिए.


चार धाम यात्रा के दौरान इस बार भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है, यात्रा सीजन से पहले ही अब तक तकरीबन साढ़े 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम में आने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. इस तरह इस आंकड़े को देखकर कहा जा सकता है कि यात्रा शुरू होने तक यह आंकड़ा 15 लाख से ऊपर पहुंच जाएगा और सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन भी बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए किए जा रहे हैं. 


बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत हो रहा काम
इस बार खासकर बद्रीनाथ धाम की यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को कुछ दिक्कतें झेलनी पड़ सकती है क्योंकि बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत काम चल रहा है. मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ धाम में कई गेस्ट हाउस, धर्मशाला है और होटल तोड़ दिए गए हैं. ऐसे में वहां श्रद्धालुओं को रोकने में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं. इसके साथ ही जोशीमठ में आई आपदा भी बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ सकती है.


बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेंद्र अजय का दावा है कि मंदिरों में यात्रा से पहले सभी व्यवस्थाएं बेहतर की जा रही हैं. बेमौसम हो रही बरसात की वजह से कुछ समस्याएं जरूर हैं,, लेकिन यात्रा सीजन से पहले बद्रीनाथ और केदारनाथ में श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर दी जाएगी. राजेंद्र अजय ने यह भी दावा किया कि मास्टर प्लान और जोशीमठ आपदा की वजह से यात्रा में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी.


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