देशभर में आई लव मोहम्मद विवाद पर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा और उपद्रव की घटनाएं सामने आई हैं. इसी बीच इस विवाद पर बरेली और शामली में लोगों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इसी बीच अब नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार के सामने कई मांग रखी हैं.
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'शामली में अपने सीने पर ‘I Love Mohammad' लिखने पर जेल में ठूंसने का मुद्दा हो या बरेली में 26 सितंबर को पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज, ये घटनाएं एक धर्म लोगों को बदनाम करके वोट बैंक हासिल करने सुनियोजित साजिश ही नहीं बल्कि सरकार की तानाशाही और घमंड की पराकाष्ठा है.
बरेली में मुस्लिम समाज के लोगों का सिर्फ एक शांतिपूर्ण ज्ञापन देने का कार्यक्रम था. इसमें किसी भी तरह की हिंसा का इरादा नहीं था. यदि सामान्य तरीके से ज्ञापन सौंपने दिया जाता तो हालात बिगड़ते ही नहीं. ज्ञापन तो छोड़िए नमाज अदा करने तक की अनुमति नहीं दी गई और इसके बाद अपने आका को खुश करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करके बेगुनाहों को घायल कर दिया.
बेगुनाहों को परेशान कर रही है पुलिस- चंद्रशेखर आजाद
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अब बरेली में मुसलमानों को इसकी आढ़ में सामूहिक सजा दी जा रही है. झूठे इल्जाम लगाकर तमंचे, पेट्रोल बम और तेजाब की बोतलों से हमले का आरोप लगाया जा रहा है. जबकि वायरल वीडियो से साफ है कि छतों से पत्थरबाजी एक सोची-समझी साजिश थी. मगर पुलिस साजिशकर्ताओं पर कार्रवाई करने के बजाय बेगुनाहों को परेशान कर रही है.
बेगुनाह मुसलमानों को थानों में बेरहमी से पीटा जा रहा है, मीडिया के सामने परेड कराई जा रही है, उनके घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं. दबिश के दौरान महिलाओं और बच्चों तक को निशाना बनाया जा रहा है. मस्जिदों में इमामों और मुअज्जिनों का उत्पीड़न किया जा रहा है, जिससे नमाज जैसी बुनियादी इबादत भी मुश्किल हो गई है.
आजाद ने आगे लिखा कि मुस्लिम भाइयों और बहनों पर तानाशाह के इशारे पर किया जा रहा यह अन्याय-अत्याचार न सिर्फ संविधान की प्रस्तावना बल्कि संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 का स्पष्ट उल्लंघन है. जिसमें धर्म और उपासना की स्वतंत्रता को देश के प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार बताया गया है.
भीम आर्मी चीफ ने सरकार से रखी ये मांगे
- बेगुनाह मुसलमानों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न पर तुरंत रोक लगाई जाए.
- पुलिस की मनमानी दबिश और बुलडोजर कार्रवाई बंद की जाए.
- निर्दोषों पर दर्ज झूठे मुक़दमे वापस लेकर उन्हें फौरन रिहा किया जाए.
- दोषियों की पहचान कर उन पर सख़्त कार्रवाई की जाए.
इसी बीच उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी कहा वह कल बरेली पहुंचेंगे और वहां कि स्थिति का जायजा लेंगे. इसके साथ ही आजाद पीड़ित परिवारों से भी मिलने वाले हैं.