मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में कसेरु खेड़ा के रहने वाले परिजनों के पास कुछ देर पहले उत्तराखंड से जब फोन आया तो उनकी जान में जान आई. फोन आने के बाद से मेरठ के रहने वाले रोहित, प्रदीप, बालक राम और अतुल के परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है. इन सभी के परिजन बीते दो दिनों से लगातार मोबाइल की ओर टकटकी लगाए बैठे हुए थे.


खुशी से झूम उठे परिजन
उत्तराखंड में आई जलप्रलय के बाद तबाही का मंजर देखने को मिला था. त्रासदी के बाद मेरठ के कई परिवारों में भी कोहराम मचा हुआ था. मेरठ के भी चार लोग जलप्रलय के बाद से लापता थे और उनका कोई पता नहीं चल पा रहा था. संपर्क न होने की वजह से परिजन बेहद परेशान थे. आखिरकार कुछ देर पहले वो फोन कॉल आ ही गई और जब चारों के सकुशल होने की जानकारी मिली तो परिजन खुशी से झूम उठे.


अपनों से हुई बात
परिजनों का कहना है कि अब उनके अपनों से बात हो गई है. अब चाहे एक हफ्ते बाद भी आएं तो कोई बात नहीं. ये लोग उत्तराखंड सरकार से गुहार लगा रहे थे कि उन्हें उनके परिजनों के बारे में जानकारी दी जाए.


हेल्पलाइन नंबर से नहीं मिल पा रही थी जानकारी
मेरठ जिला मुख्यालय से तकरीबन 15 किलोमीटर दूर खटकाना पुल के चार मजदूर बीती चार फरवरी को उत्तराखंड के सरायसोटा में मजदूरी करने गए थे. सात फरवरी को आपदा आने के बाद परिजनों का इनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. सभी के मोबाइल फोन बंद आ रहे थे. अनहोनी की आशंका से परिजन परेशान थे. परिजनों ने बताया कि उन्होंने जोशीमठ से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क किया था लेकिन वहां से कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पा रही थी.


मोबाइल टावर का काम करने गए थे उत्तराखंड
मेरठ के रहने वाले 23 वर्ष के रोहित निवासी आजाद नगर खटकाना पुल थाना, मवाना रोड लालकुर्ती. आजादनगर के रहने वाले 24 साल के बालक राम. खटकाना पुल के ही रहने वाले 25 साल के प्रदीप और आजादनगर के रहने वाले 21 वर्ष के अतुल का कोई पता नहीं चल पा रहा था. इन सभी के परिजन हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर रहे थे. लेकिन यहां से उन्हें सिर्फ एक ही जवाब मिलता थे जब जानकारी मिल जाएगी तो सूचित किया जाएगा. बेहद गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले ये चारों युवक बीते दिनों मोबाइल टावर का का कार्य करने के लिए उत्तराखंड गए थे.


ये भी पढ़ें:



उत्तराखंड त्रासदी पर संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने दिया हर अपडेट, जानें ताजा हालात


उत्तराखंड त्रासदी में लापता 93 श्रमिकों के बचने की उम्मीद नहीं, परिजनों को मिलेंगे 20-20 लाख रुपये- आरके सिंह