Chaitra Navratri 2025: आज 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है चैत्र नवरात्रि के पहले दिन एवं हिंदू नव वर्ष के अवसर पर उत्तराखंड के सभी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. भक्तों ने बड़ी संख्या में मंदिर में पहुंचकर विधि विधान से देवी देवताओं की विधि विधान से पूजा अर्चना की. इसके उपरांत मां ज्वालादेवी से आई ज्योत को मंदिर से अपने अपने घर लें गए और घरों के मंदिरों में नौ दिन के लिए अखंड ज्योति स्थापित की. उधम सिंह नगर में नवरात्रि पर भक्ति भाव की झलक देखने को मिली है.
उधम सिंह नगर जिले के किच्छा, रुद्रपुर, काशीपुर, जसपुर, बाजपुर, सितारगंज, खटीमा, नानकमत्ता, शक्तिफार्म, पंतनगर समेत कई अन्य क्षेत्रों के मंदिरों में हिन्दू नववर्ष एवं चैत्र नवरात्रि के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं से सुबह चार बजे से ही पहुंचकर माता दुर्गा सहित माता के विभिन्न के रूपों की विधिवत पूजा अर्चना की.
श्रद्धालु नौ दिन स्थापित कर रहे अखंड ज्योतिकिच्छा स्थित सनातन धर्म मंदिर के पुजारी ने मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, माता पार्वती समेत तमाम देवी देवताओं की प्रतिमा को विशेष श्रृंगार और वस्त्र पहनाए थे. इसके साथ ही मां ज्वालादेवी से आई अखंड ज्योति को मां ज्वालादेवी और मां दुर्गा के समक्ष स्थापित की गई है. इस अखंड से ही श्रद्धालु की ज्योति प्रज्ज्वलित कर पंडित सुनीत शर्मा द्वारा दी जा रही है, ज्योति को श्रद्धालु अपने अपने घरों के मंदिरों में ले जाकर नौ दिन के लिए अखंड ज्योति और कलश को स्थापित कर रहे हैं. पूरे नवरात्र मां के अलग अलग स्वरूपों की विधिवत पूजा अर्चना कर माता को प्रसन्न करने का प्रयास करेंगे.
वरिष्ठ आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष चार बार नवरात्रि पड़ते हैं, इसमें से शारदीय नवरात्रि, चैत्र एवं दो गुप्त नवरात्रि होते हैं. आज से चैत्र नवरात्रि एवं हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हो चुकी है, इसलिए सुबह चार बजे मंदिर का द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था. द्वार खुलने के बाद सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना की गई, इसके बाद से मंदिर में भक्तों के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया हैं.
मां ज्वाला देवी से ज्योति लाकर मंदिर में की जाती है स्थापितउन्होंने कहा कि सनातन धर्म मंदिर में पिछले कई सालों से मां ज्वाला देवी से ज्योति लाकर मंदिर में स्थापित की जाती है, इस ज्योति से श्रद्धालुओं की ज्योति प्रज्ज्वलित कर श्रद्धालुओं को दी जाती है. मंदिर से ज्योति ले जाकर श्रद्धालु अपने घरों के मंदिरों में पूरे नवरात्रि अखंड ज्योति की पूजा अर्चना करते हैं.
(उधमसिंह नगर से वेद प्रकाश यादव की रिपोर्ट)
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