दिल्ली के एक निजी संस्थान में 17 छात्राओं का यौन शोषण करने का आरोपी स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती रविवार तड़के उत्तर प्रदेश के आगरा से पकड़ा गया. दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर सरस्वती (62) को आगरा में ढूंढ निकाला. आगरा में वह एक होटल में ठहरा हुआ था.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'सरस्वती को पकड़ने के लिए कई टीम गठित की गई थीं. सूचना के आधार पर हमने आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल में उसका पता लगाया और रविवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे उसे वहीं से पकड़ लिया.'
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वह चार अगस्त को दिल्ली से फरार हो गया था.
आगरा के होटल कर्मचारियों के अनुसार, चैतन्यानंद सरस्वती ने 27 सितंबर को शाम करीब चार बजे ‘पार्थ सारथी’ नाम से होटल में प्रवेश लिया और उसे कमरा नंबर 101 दिया गया था.
कर्मचारियों ने दावा किया, 'वह पूरी रात कमरे में ही रहा.'
इस बारे में जब आगरा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने गिरफ्तारी के संदर्भ में अनभिज्ञता जताई.
होटल संचालक के अनुसार सुबह तीन बजे बिना वर्दी में दो लोग आये और बताया कि वे दिल्ली पुलिस से हैं. उसके बाद उन्होंने सरस्वती का पहचान पत्र जांचा और फिर कमरा नंबर 101 से उसे पकड़कर अपने साथ दिल्ली ले गये.
इससे पहले, पुलिस ने सरस्वती से जुड़े कई बैंक खातों में जमा कुल आठ करोड़ रुपये के लेनदेन पर रोक लगा दी थी.
छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखने का आरोप
स्वयंभू धर्मगुरु के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वह छात्राओं को देर रात उसके कमरे में आने के लिए मजबूर करता था और उन्हें आपत्तिजनक संदेश भेजता था. उस पर अपने फोन के जरिए छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखने का भी आरोप है.
एक अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी कथित तौर पर अलग-अलग नामों और पहचानों से बैंक खाते से लेन देन करता था और उसने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन खातों से 50 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाली थी.
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पुलिस को उसके पास से कुछ फर्जी विजिटिंग कार्ड भी मिले हैं, जिनमें उसे संयुक्त राष्ट्र और ‘ब्रिक्स’ से जुड़ा हुआ दिखाया गया है.
‘ब्रिक्स’ पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का एक संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.