Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर को साफ-सुथरा और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है. गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों को फिर से स्वच्छ और जीवनदायिनी बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (Namami Gange Mission) की 63वीं कार्यकारी समिति की बैठक में कुल 126.41 करोड़ रुपये की सीवेज प्रबंधन परियोजना को मंजूरी दी गई है.
यह परियोजना आगरा शहर के गंदे पानी को नियंत्रित करने, नालों के पानी को साफ करने और नदी में प्रदूषण रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. इस योजना के तहत शहर में 40 नई इंटरसेप्शन और डाइवर्जन संरचनाएं बनाई जाएंगी, जिससे नालों का पानी सीधे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचेगा. साथ ही 21.20 किलोमीटर लंबी नई पाइपलाइन भी डाली जाएगी. इस पूरे सिस्टम को संभालने के लिए 8 आधुनिक पंपिंग स्टेशन लगाए जाएंगे. 5 बड़े नालों में कचरा रोकने के लिए ट्रैश स्क्रीन भी लगाई जाएंगी.
परियोजना का मॉडल भी खासइस पूरी योजना को ‘डिजाइन-बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर’ मॉडल पर लागू किया जाएगा, जिसका मतलब है कि इसे बनाने वाली एजेंसी ही इसे कुछ सालों तक चलाएगी और फिर सरकार को सौंपेगी. इससे काम की गुणवत्ता और निगरानी बेहतर होगी. इस परियोजना से न केवल शहर का पर्यावरण साफ रहेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की सेहत और जीवन स्तर भी सुधरेगा.
बैठक में एक और अहम फैसला लिया गया, जिसके तहत घाघरा और गोमती नदी के बेसिन क्षेत्रों में जल के प्रवाह और पर्यावरणीय संतुलन का वैज्ञानिक तरीके से मूल्यांकन किया जाएगा. इस कार्य के लिए 8 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. विशेषज्ञ ड्रोन और स्थल सर्वेक्षण के जरिए यह जानने की कोशिश करेंगे कि इन नदियों में पानी का बहाव साल भर किस तरह बना रहता है और कहां-कहां सुधार की जरूरत है. साथ ही यह भी जाना जाएगा कि जलवायु परिवर्तन और इंसानी दखल का इन नदियों पर क्या असर हो रहा है.
जोहकासो तकनीक से घर-घर जलशोधन की शुरुआतस्वच्छता को घर-घर तक पहुंचाने के लिए समिति ने जापानी तकनीक ‘जोहकासो’ पर आधारित घरेलू जलशोधन योजना को भी हरी झंडी दी है. इस तकनीक से घरों या छोटे इलाकों में निकलने वाले गंदे पानी को वहीं पर साफ किया जा सकेगा. इस तकनीक से खासकर उन इलाकों में मदद मिलेगी जहां सीवेज लाइनें नहीं हैं.
‘नमामि गंगे’ मिशन केंद्र सरकार की बहुप्रचारित योजना है, जिसे 2014 में शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य गंगा और उसकी सहायक नदियों को फिर से जीवनदायिनी बनाना है. इस मिशन के तहत गंगा किनारे बसे शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, घाटों का विकास, शवदाह गृहों का सुधार और जनजागरूकता जैसे कई कार्य किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज और आगरा जैसे शहर इस योजना के प्रमुख केंद्र हैं. नई मंजूर हुई योजनाएं यह दिखाती हैं कि सरकार अब सिर्फ गंगा ही नहीं, उसकी सभी सहायक नदियों को भी बचाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है. यह आने वाली पीढ़ियों के लिए साफ पानी और बेहतर पर्यावरण की नींव रख रही है.
यह भी पढ़ें- गजवा -ए- हिंद का सपना पाले बैठा था यूपी में ISI का जासूस तुफैल! पड़ोसियों ने किए बड़े खुलासे