Caste Census In UP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी. बैठक में सरकार ने जाति जनगणना कराने का भी फैसला लिया है.
अब इस पर केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय लोकदल ने प्रतिक्रिया दी है. जाति जनगणना के फैसले पर राष्ट्रीय लोकदल ने समर्थन दिया है. RLD महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा - देश के लिए ऐतिहासिक कदम है. RLD नेता त्रिलोक त्यागी ने पीएम मोदी और कैबिनेट का आभार जताया है.
उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह का सपना पूरा हुआ, सभी वर्गों को हक और सम्मान मिलेगा. उन्होंने NDA सरकार का फैसला राष्ट्रहित में बताया. उन्होंने कहा कि यह जातीय समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है. इससे देश में सभी जातियों और धर्मों का सम्मान बढ़ेगा और तरक्की और खुशहाली आएगी.
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इससे पहले सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया. 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई. जाति जनगणना की जगह कांग्रेस ने जाति सर्वे कराया, यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है.उन्होंने आगे कहा कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा. तत्पश्चात एक मंत्रिमंडल समूह का भी गठन किया गया था, जिसमें अधिकांश राजनैतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी.
इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाय, सर्वे कराना ही उचित समझा, जिसे सीईसीसी के नाम से जाना जाता है.उन्होंने आगे कहा कि इन सब के बावजूद कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दलों ने जाति जनगणना के विषय को केवल अपने राजनैतिक लाभ के लिए उपयोग किया.वैष्णव ने कहा कि जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद 246 की केंद्रीय सूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है और यह केंद्र का विषय है. हालांकि, कई राज्यों ने सर्वे के माध्यम से जातियों की जनगणना की है. जहां कुछ राज्यो में यह कार्य सुचारू रूप से संपन्न हुआ, वहीं कुछ अन्य राज्यों ने राजनैतिक दृष्टि से और गैरपारदर्शी ढंग से सर्वे किया.