रामपुर, एबीपी गंगा। जयाप्रदा पर की गई विवादित टिप्पणी का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि रामपुर से गठबंधन के प्रत्याशी आजम खान एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं। इस बार आजम खान ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। आजम खान के इस बयान के बाद उन पर FIR भी दर्ज की गई है। जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाने की वजह से आचार संहिता उल्लंघन का एक और मामला दर्ज कर लिया गया है।

रामपुर के मिलक की सर्किल ऑफिसर सलोनी अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया, '25 अप्रैल को रामपुर के शाहाबाद में आजम खान ने जो टिप्पणियां कीं, उससे चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन हुआ। इस मामले में आजम और 2 अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।'

जिला प्रशासन पर लगाए आरोप

बता दें कि आजम खान ने गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन को रामपुर में कम वोटिंग के लिए जिम्मेदार करार दिया था। आजम ने प्रशासन पर एक वर्ग विशेष के साथ मारपीट और लूट करने का भी आरोप लगाया था। आजम ने रामपुर में आयोजित डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जयंती समारोह में कहा था, 'यहां जिला प्रशासन ने लोगों को वोट नहीं देने जाने की धमकी दी। पूरे भारत में रामपुर अकेला ऐसा बदनसीब शहर है, जहां सिर्फ एक वर्ग के लोगों का वोट न पड़े इसके लिए उन पर कहर बरपाया गया, दुकानें तोड़ दी गईं और सामान लूट लिए गए।'

रामपुर से एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी आजम के बयान का संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना है। पुलिस अधिकारी सलोनी अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आजम खान पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आजम के अलावा कार्यक्रम के आयोजक जयप्रकाश सागर और वक्ता राधेश्याम राही का भी नाम है।

जयाप्रदा पर की थी विवादित टिप्पणी

बता दें कि आजम ने इससे पहले बीजेपी उम्मीदवार जयाप्रदा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जया का नाम लिए बगैर आजम ने एक जनसभा में कहा था, 'क्या राजनीति इतनी गिर जाएगी कि 10 साल जिसने रामपुर वालों का खून पिया, जिसे उंगली पकड़कर हम रामपुर में लेकर आए, उसने हमारे ऊपर क्या-क्या इल्जाम नहीं लगाए। क्या आप उसे वोट देंगे?' आजम ने आगे कहा कि आपने 10 साल जिनसे अपना प्रतिनिधित्व कराया, उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का अंडरवेअर खाकी रंग का है। इसके अलावा आजम ने एक रैली में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी आपत्तिजनक बयान दिया था। आजम ने बीएसपी सुप्रीमो का उदाहरण देते हुए डीएम से जूते साफ करवाने का बयान भी दिया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था।