Uniform Civil Code: गुजरात में जल्द ही विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) होने वाले हैं. इससे पहले बीजेपी (BJP) सरकार ने वहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बड़ा फैसला किया है. राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक कमेटी के गठन किया गया है. ये कमेटी सीएम भूपेंद्र पटेल (Bhupendrabhai Patel) के नेतृत्व में बनी है, जो समान नागरिक संहिता को लागू किए जाने के हर पहलू पर गौर करेगी. जिसके बाद बसपा (BJP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है.
मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, "यूपी व अन्य राज्यों में भी रोजगार व विकास के बजाय बीजेपी द्वारा विवादित एवं विभाजनकारी मुद्दों की तरह समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना खास बात नहीं, किन्तु गुजरात में इसको चुनावी मुद्दा बनाने से इस आमचर्चा को बल मिलता है कि वहां बीजेपी की हालत वास्तव में ठीक नहीं है."
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया जिक्रबसपा प्रमुख ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, "जबकि केन्द्र ने अभी हाल में स्वंय माननीय सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड के मामले पर कोई निर्णय अभी न किया जाए क्योंकि इसे वह 22वें लॉ कमीशन को सौंपेगी, तो फिर गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा क्या होने जा रहा है जिससे बीजेपी विचलित है व झुक रही है."
उन्होंने कहा, "साथ ही, चुनाव को प्रभावित करने के लिए जनता की नजर से अज्ञात श्रोतों से प्राप्त अकूत धन का इस्तेमाल कितना उचित? ताजा आंकड़े बताते हैं कि गुजरात व हिमाचल विधानसभा आमचुनाव से पहले चुनावी बांड की गुप्त फण्डिंग की मार्फत 545 करोड़ रुपये के चन्दे दिए गए हैं. यह धन कहां जा रहा है?"
हालांकि यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर बसपा के अलावा आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है. वहीं दोनों ही पार्टियां इसपर जवाब देने से बचते नजर आ रही है.