UP News: उत्‍तर प्रदेश के आंबेडकर नगर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गये रितेश पांडेय ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया. बसपा प्रमुख मायावती को लिखे इस्तीफे की प्रति पांडेय ने सोशल मीडिया मंच 'एक्‍स' पर साझा की.


इस बीच बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्‍स' पर सिलसिलेवार पोस्‍ट में रितेश पांडेय का जिक्र किये बिना अपनी पार्टी के सांसदों से पूछा कि ‘‘क्या स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे लोगों को टिकट देना संभव है.’’


अपने इस्तीफे में क्या कहा
बसपा प्रमुख को संबोधित पत्र में रितेश पांडेय ने पार्टी से विधायक और फिर सांसद चुने जाने की अपनी राजनीतिक उपलब्धियों की चर्चा करते हुए यह शिकायत की कि ''मुझे लंबे समय से न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्‍तर पर संवाद किया जा रहा है. मैंने अपने शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क के अनगिनत प्रयास किये लेकिन उनका कोई परिणाम नहीं निकला.''


पांडेय ने कहा, ''मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब कोई आवश्यकता नहीं रही, इसलिए प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे समक्ष कोई विकल्प नहीं है. पार्टी से नाता तोड़ने का यह निर्णय भावनात्मक रूप से एक कठिन निर्णय है.'' उन्‍होंने कहा, ''मैं इस पत्र के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं और आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए.''


मायावती ने 'एक्‍स' पर पोस्‍ट में रितेश पांडेय का जिक्र किये बिना अपनी पार्टी के सांसदों को नसीहत देते हुए कहा, ''बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के आत्मसम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है.''


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कसौटी पर खरा उतरें
मायावती ने कहा, ''अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वयं जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?''


बसपा प्रमुख ने कहा, ''ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव है, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं. मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित है. बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि है.''