Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के आखिरी के स्नान पर्व महा शिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने के लिए विदेशी श्रद्धालुओं के कई समूह महाकुंभ नगर पहुंच गए हैं. ब्राजील से आया भगवान शिव के भक्तों का एक ग्रुप भी महा शिवरात्रि के स्नान पर्व की बाट जोह रहा है.

महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि में संगम में मुक्ति की डुबकी लगाने के लिए विदेशी श्रद्धालुओं का जमावड़ा फिर महाकुंभ में होने लगा है. ब्राजील से महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महा शिवरात्रि में त्रिवेणी में पवित्र स्नान करने के लिए दो दर्जन से अधिक ब्राजीली युवाओं का एक ग्रुप पहुंच चुका है. ग्रुप के कॉर्डिनेटर हेनरिक मोर का कहना है ये सभी युवा लॉर्ड शिवा की भक्ति धारा से जुड़े हुए हैं. इसमें ज्यादातर रियो दि जनेरियो और साओ पाउलो शहर से हैं जहां शिव मंदिर भी हैं. लॉर्ड शिवा से प्रेरित होने की वजह से इन्होंने महा शिवरात्रि पर्व को चुना है जहां 12 वर्षों के बाद महाकुंभ का विशेष अवसर आया है.

भारत और एफ्रो-ब्राजील परंपराओं महाकुंभ खींच लाईं

इन लोगों ने कहा भारत और एफ्रो-ब्राजील परंपराओं के बीच कुछ समानताएं इन्हें महाकुंभ खींच लाई हैं. ब्राजीली ग्रुप के सदस्य पाओ फेलिपे का कहना है कि ग्रुप में अधिकतर युवा लार्ड शिवा के फॉलोवर हैं. सभी के शरीर में लॉर्ड शिवा के विभिन्न प्रतीकों को टैटू के रूप में स्थान दिया गया है. कानों में त्रिशूल की आकृति के चंद्राकार कुंडल और पूरे बदन में शिव जी के प्रतीक डमरू और महाकाल की आकृतियां इन्हें अलग पहचान प्रदान कर रही हैं. 

कयापो समुदाय की संस्कृति से यूथ प्रभावित

इस ग्रुप की महिला सदस्य इसाबेला बताती है कि ब्राजील में कयापो समुदाय की संस्कृति से इसके यूथ प्रभावित हैं जिसमें शरीर में प्रतीकों को गुदवाने की परम्परा है. ब्राजीली युवाओं का यह ग्रुप हर साल महा शिवरात्रि में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी आता रहा है लेकिन इस बार प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन की दुनिया के कोने कोने में चर्चा से ये लोग प्रयागराज आए हैं. 

(प्रयागराज से विवेक राय की रिपोर्ट)

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