Turkey Boycott: पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद टर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने से भारत में आक्रोश की लहर है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में फल व्यापारी, कोल्ड स्टोरेज संचालक और थोक विक्रेता टर्की से आयातित सेबों का बहिष्कार कर रहे हैं. स्थानीय व्यापारियों ने टर्की के भारत विरोधी रुख के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के सेबों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है.
देहरादून के फल बाजारों में तुर्की के सेब अब स्टॉक से हटाए जा रहे हैं. फल व्यापारी संघ के सदस्यों का कहना है कि तुर्की की पाकिस्तान समर्थक बयानबाजी से देश की भावनाएं आहत हुई हैं.
तुर्की के सेब का बहिष्कार, स्वदेशी सेब की मांग बढ़ी
एक व्यापारी ने कहा कि जब तुर्की भारत में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान का साथ देता है, तो हमें उनके उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए. इसके बजाय, कश्मीर और हिमाचल के सेबों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे स्थानीय किसानों को लाभ हो रहा है.
कोल्ड स्टोरेज संचालकों का सख्त रुख
कोल्ड स्टोरेज संचालकों ने भी तुर्की से सेब मंगाने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि यह स्वदेशी किसानों को बढ़ावा देने का सही समय है. एक संचालक ने कहा कि हम अपने देश के सेबों को प्राथमिकता देंगे. इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और तुर्की को सख्त संदेश जाएगा. देहरादून की मंडी, जो फलों का बड़ा केंद्र है, अब तुर्की के सभी फलों का पूर्ण बहिष्कार कर रही है.
ग्राहकों का समर्थन
स्थानीय ग्राहक भी इस बहिष्कार का समर्थन कर रहे हैं और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील कर रहे हैं. व्यापारियों का मानना है कि देहरादून से शुरू हुआ यह विरोध अन्य शहरों में भी फैल सकता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक आंदोलन बन सकता है.
उत्तराखंड के किसानों को फायदा
देहरादून में टर्की के फलों के बहिष्कार से उत्तराखंड के सेब और अन्य फल उत्पादकों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है. स्थानीय मांग बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होगी और स्वदेशी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.