Rakesh Tikait News: उत्तर प्रदेश में बिजली का निजीकरण के विरोध में लगातार विद्युत कर्मचारियों को विरोध प्रदर्शन जारी हैं, बिजलीकर्मियों ने 29 मई को इसके खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान चलाने का ऐलान किया है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैन ने भी बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि इससे गांवों, किसानों और छोटे व्यवसायियों पर बुरा असर पड़ेगा. टिकैत ने ऐसे फैसलों को वापस लेने की अपील की. 

राकेश टिकैत ने बिजली के निजीकरण का विरोध करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर तीखी प्रतिक्रिया दी और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की. उन्होंने लिखा- 'बिजली निजीकरण का सीधा प्रभाव गांव, गरीब आम जनता और छोटे व्यवसाय पर पड़ेगा. सरकारी संस्थाओं की तुलना में निजी कंपनियों पर जनता का नियंत्रण और जवाबदेही कम होती है. जिससे साफ पारदर्शिता व उत्तरदायित्व की कमी देखी जा सकती है. ऐसे फैसलों को सरकार तुरंत वापस ले. 

बिजली कर्मी कर रहे हैं विरोध प्रदर्शनबता दें कि उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड प्रदेश के पूर्वांचल और दक्षिणांचल के 42 जिलों का निजीकरण करने की तैयारी कर रहा है. जिसका बिजली कर्मचारी संगठनों के द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा है. इसे लेकर कर्मचारी संगठनों और प्रबंधन के बीच कई बार वार्ता भी हो चुकी है लेकिन फ़िलहाल प्रबंधन अपने फैसले से पीछे हटते हुए नहीं दिखाई दे रहा है. वहीं कर्मचारियों भी अपनी मांगों पर अड़े हैं. उन्होंने साफ कर दिया कि वो निजीकरण नहीं होनी देंगे.

बिजली कर्मियों और प्रबंधन के बीच ये टकराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मियों ने 29 मई से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. वहीं सरकार भी इसे लेकर सख्त दिखाई दे रही है. खबरों की माने तो सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती से निपटेगी. बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे.  

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