लखनऊ, एबीपी गंगा। संगठन और सरकार में तालमेल की वजह से भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में उस परिणाम को यूपी में हासिल किया जिसकी उम्मीद खुद प्रधानमंत्री को भी इस बार के चुनाव में नहीं था। कारण सामने सपा-बसपा का अंक गणित के लिहाजज से दिख रहा महामजबूत गठबंधन।

मन में उठे संशय की वजह से ही, जैसा की उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री जी ने बीच चुनाव में मुझसे तीन बार ये पूछा कि यूपी में कैसा रहेगा चुनाव ? लेकिन सरकार में योगी और संगठन में महेन्द्र पाण्डेय-सुनील बंसल के तालमेल ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद ना माया-अखिलेश को थी और ना बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों को और ना खुद प्रधानमंत्री को।

सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य की कमी की वजह से सरकार बनने के बाद हुए लोकसभा उप चुनावों में चाहे वो मुख्यमंत्री के इलाके का हो या डिप्टी सीएम के इलाके का, भाजपा की करारी हार हुई थी। जिसकी वजह इसी तालमेल में कमी को माना गया था।

अमित शाह ने दिया मंत्र इसके बाद लखनऊ आये अमित शाह ने सरकार और संगठन के लोगों को एक साथ बैठाकर जो गूढ़ मंत्र दिया और एकजुट रहने को लेकर जो डाँट पिलाई उसका असर लोकसभा परिणामों में दिखा. और अब भाजपा उप चुनावों में वही आज़माने जा रही है.

भाजपा ने उन सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति बनाई है, जिन्हें वह पहले नहीं जीत सकी थी। खास तौर पर समाजवादी पार्टी (सपा) के पास रही रामपुर विधानसभा सीट और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास रही जलालपुर सीट।

इसके लिये भाजपा ने सभी सीटों पर मंत्रियों के साथ पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी है। भाजपा नेतृत्व प्रत्याशियों के चयन में भी काफी सावधानी बरत रहा है। साथ ही भाजपा प्रत्याशियों के चयन में परिवारवाद को पूरी तरह से दरकिनार कर जिताऊ और पुराने कार्यकर्ताओं पर दांव लगाने जा रही है।

उपचुनाव के लिये पदाधिकारियों को जिम्मेदारी

इसके लिये प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नाथ पांडे हर सप्ताह लखनऊ आकर मुख्यमंत्री और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कानपुर की गोविन्द नगर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है. इसी तरह उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को रामपुर, मंत्री सुरेश राणा को इगलास, श्रीकांत शर्मा को टूंडला, भूपेन्द्र सिंह को गंगोह, डॉ. महेन्द्र सिंह को मानिकपुर, धुन्नी सिंह को हमीरपुर, आशुतोष टंडन को लखनऊ कैंट, दारा सिंह चौहान को जैदपुर, ब्रजेश पाठक को जलालपुर, रमापति शास्त्री को बलहा और उपेन्द्र तिवारी को प्रतापगढ़ विधानसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है.