UP News: वक्फ संशोधन कानून को लेकर फैल रहे भ्रम और अफवाहों पर विराम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है. 19 अप्रैल से राज्यभर में विशेष जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें बीजेपी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और सरकार के प्रतिनिधि घर-घर जाकर मुस्लिम समाज के लोगों को बताएंगे कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं, बल्कि मुस्लिम समाज के गरीबों और वंचितों के हित में है.

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और सरकार द्वारा गठित जनजागरूकता कमेटी के सदस्य कुंवर बासित अली ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में साफ किया कि “अब देश वक्फ से नहीं, बल्कि संविधान से चलेगा.” उन्होंने कहा कि जो संपत्तियां वक्फ बोर्ड के नाम पर हैं, उनका दुरुपयोग अब तक होता रहा है. इन संपत्तियों की कमाई कुछ गिने-चुने लोगों की जेब में जाती थी, लेकिन अब सरकार ने फैसला किया है कि यह पैसा सीधे मुस्लिम समाज के गरीबों, महिलाओं और जरूरतमंदों के कल्याण में खर्च किया जाएगा.

यह कानून केवल अवैध कब्जों के खिलाफ है- कुंवर बासिल अली

कुंवर बासित अली ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे दल लोगों में डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वक्फ की संपत्ति हड़पी जाएगी, जबकि सच्चाई यह है कि यह कानून केवल अवैध कब्जों के खिलाफ है, न कि वक्फ संपत्तियों के खिलाफ. उन्होंने कहा कि जिन नेताओं ने सालों से इन जमीनों पर कब्जा किया है, उन्हीं से यह संपत्ति मुक्त कराई जाएगी.

बता दें कि केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन कर उसे अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की पहल की है. इसके तहत वक्फ संपत्तियों के रखरखाव, उनके उपयोग और आय के स्रोतों का ब्योरा अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही, वक्फ बोर्ड की जवाबदेही तय करने और उसकी कार्यप्रणाली को संविधान के अनुरूप बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.

बीजेपी के अभियान में अल्पसंख्यक मोर्चा की रहेगी अहम भूमिका 

बीजेपी का यह अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा, जिसमें अल्पसंख्यक मोर्चा की अहम भूमिका रहेगी. पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर मुसलमानों को बताएंगे कि सरकार उनके खिलाफ नहीं, बल्कि उनके साथ है. यह कानून पारदर्शिता, न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है. कुल मिलाकर, बीजेपी अब इस मुद्दे पर जनमानस को सीधे जोड़ने और विपक्ष की गलतबयानी को बेनकाब करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है. 19 अप्रैल से शुरू हो रहे इस अभियान पर पूरे राजनीतिक हलकों की नजर टिकी रहेगी.

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