देहरादून: बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी अपने गृह राज्य उत्तराखंड में विकास के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने उत्तराखंड के लिए दिल्ली से दो जन शताब्दी ट्रेनों को मंजूर कराया है. एक साल पहले वो एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. लेकिन उसके बाद उत्तराखंड के विकास के लिए वो लगातार काम कर रहे हैं.

अनिल बलूनी ने इस बार नए साल से पहले राज्य को बड़ी सौगात दी. अब उत्तराखंड को दिल्ली से जोड़ने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दो जन शताब्दी ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी है. बलूनी इन दो ट्रेनों को चलवाने के लिए काफी दिनों से प्रयासरत थे. इन दो ट्रेनों की खासियत यह है कि एक ट्रेन जो दिल्ली से टनकपुर जाएगी वो सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि टनकपुर चम्पावत जिले का हिस्सा है और नेपाल बॉर्डर पर शारदा नदी के किनारे बसा है. दूसरी ट्रेन कोटद्वार से दिल्ली के बीच चलेगी. यह पौड़ी जनपद का हिस्सा है और इस जिले को ही नहीं बल्कि रुद्रप्रयाग और चमोली को भी इसका फायदा मिलेगा.

बलूनी ने राज्य के लिए इस साल किए ये काम

* नैनी-दून एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन करवाया. * आपदा प्रभावित राज्य को नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स की अलग से एक बटालियन दिलवाई. * अपनी निधि से कोटद्वार और रामनगर के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू वार्ड बनवाये. * सेना और अर्द्ध सैनिक अस्पतालों में आम जनता को इलाज की सुविधा दिलवाई. * हजारों विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को केंद्र से नियमों में छूट दिलवाकर उनकी नौकरी बचाई. * केंद्र से मसूरी पेयजल योजना के लिए 187 करोड़ स्वीकृत कराये. * तीलू रौतेली और माधो सिंह भंडारी के स्मारकों को पुरातत्व विभाग से संरक्षित करवाया. * टनकपुर से बागेश्वर और करणप्रयाग रेल लाइन के लिए सर्वे को मंजूरी दिलाई. * नैनीताल के रामनगर में केंद्र से बस पोर्ट की स्थापना को मंजूरी दिलाई. * राज्य के लिए अलग से दूरदर्शन चैनल शुरू करवाया. * टाटा ट्रस्ट से बातचीत कर उत्तराखंड में एक कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्वीकृति दिलाई. * रामनगर के पास धनगढ़ी नाले पर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय से 28 करोड़ की लागत के पल का निर्माण शुरू कराया. यहां पर हर बरसात में कई लोगों की जान जाती थी. * सूचना प्रसारण मंत्रालय से इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन को मंजूरी दिलवाई. * उत्तराखंड से छिन गए डॉप्लर रडार को फिर से प्रदेश में वापस मंगवाया, अब उन्हें लगाने का काम शुरू होगा.

अनिल बलूनी ने राजनीति में एक नए तरह की मिसाल भी पेश की है. उन्होंने एलान किया है कि वो कभी किसी योजना का शिलान्यास या उद्घाटन खुद नहीं करेंगे. धनगढ़ी नाले के पुल का शिलान्यास भी उन्होंने एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से करवाया.

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