उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में BJP विधायक राजीव गुंबर ने बिजली विभाग की लापरवाही पर जमकर गुस्सा जाहिर किया. सर्किट हाउस सभागार में जनपद के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान विधायक ने बिजली विभाग के अधिकारियों को 50,000 रुपये की नकदी टेबल पर पटककर लताड़ लगाई. उन्होंने कहा कि आपकी लापरवाही के कारण जनता को परेशानी हो रही है, फिर भी आप पैसे मांग रहे हैं. मैं जनता का प्रतिनिधि हूं, जरूरत पड़ी तो अपनी जेब से काम करवाऊंगा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
दरअसल सहारनपुर के रायवाला-प्रताप नगर रोड और शिव विहार कॉलोनी में सड़क के बीच में खड़े बिजली के खंभे लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. विधायक राजीव गुंबर ने बताया कि एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट रायवाला में खंभों के कारण आने-जाने वालों को रास्ते में रुकावट का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने पिछले तीन महीने से इन खंभों को हटाने की मांग की थी, लेकिन बिजली विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. बैठक के दौरान जब अधिकारियों ने खंभे हटाने के लिए एस्टीमेट और पैसे की कमी का हवाला दिया, तो विधायक का गुस्सा फट पड़ा.
जेब से निकाले पचास हजार
विधायक ने अपनी जेब से 50,000 रुपये निकालकर टेबल पर रख दिए और कहा कि आपको पैसे चाहिए तो मैं दे रहा हूं, अब काम करो. जनता क्यों आपकी गलती की कीमत चुकाए?
विधायक राजीव गुंबर का बयान
नगर विधायक राजीव गुंबर ने कहा कि रायवाला से प्रताप नगर रोड पर सड़क के बीच में खंभा खड़ा है, जिसे हटाने के लिए मैं तीन महीने से कह रहा हूं. शिव विहार और अन्य कॉलोनियों में भी बिना तारों के खंभे खड़े हैं, जो कोई काम के नहीं. बिजली विभाग की जिम्मेदारी है कि इन्हें हटाए लेकिन वे जनता से पैसे मांग रहे हैं. मैं जनता का प्रतिनिधि हूं. अगर आप काम नहीं करेंगे तो मैं अपनी जेब से करवाऊंगा.
बिजली विभाग की लापरवाही
- रायवाला-प्रताप नगर रोड: सड़क के बीच में खंभे के कारण आवागमन में रुकावट, खासकर एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट में.
- शिव विहार कॉलोनी: बिना तारों के अनावश्यक खंभे खड़े, जो सुरक्षा और आवागमन के लिए खतरा.
- विभाग की बहानेबाजी: बिजली विभाग ने खंभे हटाने के लिए बजट की कमी और एस्टीमेट का हवाला दिया, जिसे विधायक ने गैर-जिम्मेदाराना बताया.
शहरशहर भर में चर्चा
बीजेपी विधायक राजीव गुम्बर का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. विपक्षी पार्टियां तंज कस रहीं हैं कि जब पार्टी के विधायकों का काम ही नहीं हो रहा तो पब्ल्कि की कैसे सुनते होंगे अधिकारी.