Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश स्थित मेरठ से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अरुण गोविल का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह कथित तौर पर कह रहे हैं कि 'चेंज प्रगति की निशानी है.' उनके इस बयान पर आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है.


संजय सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा- देश के 85 % दलितों पिछड़ों वंचितों शोषितों सावधान. बीजेपी संविधान खत्म करेगी ये अब साफ है.  आरक्षण खत्म होगा.  लल्लू सिंह ज्योति मिर्धा अनंत हेगड़े के बाद  अब तो अरुण गोविल ने भी कह दिया. अरुण गोविल तो सीधे मोदी जी के उम्मीदवार हैं.



संजय सिंह ने जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें अरुण गोविल कथित तौर पर कह रहे हैं कि -' संविधान जब हमारा बना था तो उसमें परिस्थितियों के अनुसार, धीरे-धीरे चेंज हुए हैं. चेंज करना वो प्रगति की निशानी है.उसमें कोई खराब बात नहीं है. उस वक्त की परिस्थितियां कुछ और थीं. आज की कुछ और हैं. उसके हिसाब से अगर कुछ चेंज करना है... संविधान एक व्यक्ति की मर्जी से तो चेंज होगा नहीं... सर्व सम्मति चाहिए होगी. अगर ऐसा कुछ होगा तो किया जाएगा.'


बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने भी कही थी ये बात
अरुण गोविल से पहले यूपी फैजाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद और उम्मीदवार लल्लू सिंह ने भी संविधान बदलने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि केंग्र में सरकार को 272 सीटों पर ही बन जाती है लेकिन 272 की सरकार संविधान में संशोधन नहीं कर सकती है. संविधान बदलने या संशोधन करने के लिए दो तिहाई सीटों की जरुरत होती है. संविधान में संशोधन करना होगा क्योंकि बहुत सारे काम करने हैं या नया संविधान बना हो. 


लल्लू सिंह के इस बयान पर जमकर सियासी देखने को मिली थी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लेकर बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को मिले आरक्षण को खत्म कर देना चाहती है चुनाव आयोग को ऐसे बयानों को संज्ञान में लेना चाहिए. संविधान को बदलने की बात करने से बड़ा लोकतांत्रिक उल्लंघन क्या हो सकता है. 


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