BJP and Samajwadi Party on election symbol: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बीच सियासी घमासान का नया रिकॉर्ड बन रहा है. राज्य में जो सही नहीं है उसके लिए एक-दूसरे को दोष देने से लेकर अब दोनों पार्टियां अपने-अपने चुनाव चिह्न (election symbol) को लेकर एक-दूसरे पर तंज कस रही हैं. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जहां बीजेपी को अपने राजनीतिक चिन्ह को 'बुलडोजर' में बदलने की सलाह दी है, वहीं बीजेपी ने सपा से 'एके-47' को चुनाव चिह्न के तौर पर लेने को कह कर जवाब दिया है.

सपा प्रमुख अयोध्यावासियों के कुछ घरों को गिराने में बार-बार बुलडोजर के इस्तेमाल का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी आंखों की जांच कराने को भी कहा. वह मुख्यमंत्री की इस बात का जवाब दे रहे थे कि अखिलेश में दूरदर्शिता की कमी है.

अखिलेश पर बरसे केशव प्रसाद मौर्य

उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने मंगलवार को रायबरेली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह उपयुक्त होगा यदि समाजवादी पार्टी अपने चुनाव चिन्ह को 'एके-47' में बदल दे. वह जाहिर तौर पर मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को समाजवादी पार्टी में शामिल किए जाने की बात कर रहे थे. माना जा रहा है कि मुख्तार अंसारी भी जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं.

अखिलेश यादव के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जाने से पहले बच्चों को नहलाया गया. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि विद्यालय जाने से पहले नहलाया धुलाया जाता ही है. इसमे कौन सी बड़ी बात है. ये अखिलेश का नजरिया और सोच है. मौर्य ने कहा कि 2014 चुनाव के पहले ना तो सपा के लोग और ना ही कांग्रेस के लोग मंदिर जाते थे. अब मंदिर जाकर मत्था टेक रहे हैं और गंगा में डुबकी भी लगा रहे हैं.

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