बिहार में विधानसभा चुनाव का ऐलान जल्द होने वाला है.  इसमें सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने दोबारा सरकार बनाने को लेकर अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. बिहार में पिछड़ा वर्ग के वोटों को देखते हुए पार्टी ने उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बिहार चुनाव का सह प्रभारी बनाया है. इसके पीछे 2017 वाली यूपी की कहानी दोहराने की कोशिश है. बीजेपी चुनाव जीतने के साथ ही केशव प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना चाहती है, उसका भी बड़ा संकेत है.

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बिहार चुनाव में केशव की अहम भूमिका

बता दें कि बिहार की राजनीति जातीय संतुलन पर टिकी हुई है, जहां ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. भाजपा ने केशव मौर्य को सह-प्रभारी बनाकर उत्तर प्रदेश से बिहार तक के पिछड़ों को एकजुट करने का बड़ा दांव खेला है. केश्वर मौर्य आरएसएस से लेकर विश्व हिन्दू परिषद में भी काम कर चुके हैं. उनके पास संगठन का ख़ासा अनुभव है. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मौर्य ने भाजपा को 300 से अधिक सीटें दिलाकर इतिहास रचा था. अब बिहार में भी वही कमल खिलाने का फॉर्मूला दोहराने की उम्मीद है.

पीडीए फार्मूले को केशव देंगे चुनौती

केशव मौर्य ने लगातार समाजवादी पार्टी के पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक  फॉर्मूले को चुनौती दी है. यूपी में अखिलेश यादव की PDA रणनीति को कमजोर करने में उनकी भूमिका अहम रही. इसी तरह, महाराष्ट्र, बंगाल और राजस्थान जैसे राज्यों के चुनावों में भी मौर्य का इस्तेमाल कर भाजपा ने पिछड़े वोटों को अपने पाले में किया. बिहार में राजद-कांग्रेस गठबंधन की पिछड़ा वोट की रणनीति को तोड़ने के लिए मौर्य का अनुभव काम कर सकता है.

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केशव मौर्य ने पार्टी का जताया आभार

बिहार चुनाव सह प्रभारी की नियुक्ति की घोषणा के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पार्टी नेतृत्व का आभार जताया. उन्होंने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा मुझे बिहार विधानसभा चुनाव में सह-प्रभारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान किए जाने पर हृदय से आभार एवं हार्दिक अभिनंदन. संगठन के मार्गदर्शन और देवतुल्य कार्यकर्ताओं के परिश्रम से हम सभी मिलकर बिहार में विकास को समर्पित कमल खिलाएंगे. बिहार में फिर एक बार, एनडीए सरकार.

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यूपी चुनाव 2027 की भी रणनीति

भारतीय जनता पार्टी ने ये फैसला सिर्फ बिहार को ध्यान में रखकर नहीं लिया है. बल्कि अगर वहां सफलता मिलती है तो केशव प्रसाद मौर्य राष्ट्रिय स्तर पर भाजपा के प्रमुख चेहरे के रूप में उभेरेंगे. जो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा फायदा पहुंचाएगा.