लखनऊ, एबीपी गंगा। लखनऊ से राहत की खबर सामने आई है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ घंटाघर में चल रहा महिलाओं का धरना खत्म हो गया है। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे से बातचीत के बात सुबह 6 बजे प्रदर्शन खत्म हुआ। 17 जनवरी से यहां महिलाएं धरने पर बैठी थीं। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद महिलाओं को समझा-बुझाकर घर पहुंचाया गया। प्रदर्शन कर रही सभी महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचाया गया।


आपको बता दें कि लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने देर रात महिलाओं से बातचीत की थी और कोरोना से बढ़ते खतरे के प्रति आगाह किया था। प्रदर्शन से हटने के बाद महिलाएं धरना स्थल पर अपना दुपट्टा छोड़कर गई हैं। उनका कहना था कि कोरोना खत्म होगा तो वापस प्रदर्शन करने आएंगे। धरना स्थल पर सांकेतिक तौर पर मौजूदगी के लिए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने ये कदम उठाया है।


पुलिस की विश्वसनीयता का नतीजा है कि घंटाघर का प्रदर्शन खत्म हो गया। ये भी माना जा रहा है कि पूर्व में की गई निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई और अफसरों के प्रति भरोसे के बाद महिलाओं ने यह कदम उठाया। लखनऊ पुलिस की कार्रवाई से प्रदेश सरकार की यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। दंगाइयों पर वसूली के लिए पोस्टर की कार्रवाई के बाद घंटाघर का प्रदर्शन खत्म करवाना सरकार की बड़ी सफलता है।