उत्तर प्रदेश स्थित भदोही के एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि ‘छांगुर' ने इस्लाम धर्म अपनाने के वास्ते मजबूर करने के लिए उनकी दो बेटियों को जान से मारने की धमकी दी. पुलिस ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि बलरामपुर निवासी जमालुद्दीन उर्फ ‘छांगुर' पर कई समुदायों के लोगों को निशाना बनाने और उनका धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है. उसे इस माह की शुरुआत में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते की एक टीम ने गिरफ्तार किया था.
ज्योतिर्गमय राय (35) ने दावा किया कि ‘छांगुर' ने धर्म परिवर्तन करने के लिए उनका ‘ब्रेनवाश’ किया और फिर उसे इस्लाम धर्म अपनाने के वास्ते मजबूर करने के लिए उनकी दो बेटियों को जान से मारने की धमकी दी.
ज्योतिर्गमय राय ने अपर पुलिस महानिदेशक (वाराणसी) पीयूष मोर्डिया से मिलकर मंगलवार को एक प्रार्थना पत्र के जरिए इस संबंध में शिकायत दी.
भदोही पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने इसकी पुष्टि करते हुए बुधवार को बताया कि पुलिस की एक टीम राय को साथ लेकर मंगलवार देर शाम यहां से लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र पहुंच चुकी है.
राय ने दावा किया कि उसने आर्य समाज मंदिर में इशिता नाम की एक महिला से शादी की थी, लेकिन बाद में उसे पता चला कि उसका नाम आफरीन है और वह एक मुस्लिम परिवार से है.
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, '2019 में दोनों को एक बेटी पैदा हुई जिसका नाम राय ने कुंडल रखा तो वहीँ आफरीन ने अलीशा. एक साल बाद आफरीन के मायके वाले उसके घर आने लगे और राय के धर्म को लेकर ऐतराज करने लगे.'
मांगलिक ने कहा, 'मार्च 2024 में राय के घर दूसरी बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम आफरीन ने अफ्शा रखा, जबकि राय ने राधा नाम रखा.'
पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'राय का दावा है कि आफरीन नवंबर 2024 में अपनी बेटियों के साथ लखनऊ चली गई. दिसंबर में राय अपनी पत्नी और बेटियों को लाने लखनऊ पहुंचा तो आफरीन के परिवार ने उस पर मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव बनाया.'
'मुस्लिम धर्म अपनाने को कहा...'उन्होंने कहा, 'राय के मुताबिक, जनवरी में ‘छांगुर' उसके ससुराल आया था और उसने राय का ब्रेनवाश कर कई उदाहरण देकर मुस्लिम धर्म अपनाने को कहा. धर्म परिवर्तन नहीं करने पर ‘छांगुर' ने उसकी दोनों बेटियों की गर्दन पर चाकू रखकर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया.'
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक लखनऊ में काम करने के बाद, राय बिना धर्म परिवर्तन किए भदोही लौट आया और अपने बच्चों के संरक्षण के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की.
पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'मामले की जांच के लिए पुलिस की एक टीम गठित की गई है.'