UP Election 2022: जेल में बंद बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के लिए बेटी और पत्नी ने किया चुनाव प्रचार, पढ़कर सुनाया संदेश
UP Election: प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की बेटी और पत्नी ने चुनाव प्रचार किया है. जनसभा के दौरान बेटी ने लोगों को पिता द्वारा लिखा हुआ संदेश पढ़कर सुनाया है.

UP Assembly Election: भदोही जनपद की सबसे चर्चित 393 ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर जेल में बंद बाहुबली विधायक विजय मिश्रा प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके पक्ष में एक जनसभा की गई जिसमें उनकी बेटी ने अपने पिता का संदेश लोगों को सुनाकर वोट मांगे. विधायक की गैर मौजूदगी में हुई इस जनसभा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे. विजय मिश्रा इससे पहले निषाद पार्टी से चौथी बार 2017 में विधायक बने थे. लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है. अब वो पांचवी बार मैदान में हैं.
उनकी बेटी और पत्नी प्रचार में जुटीं
ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर लगातार तीन बार समाजवादी पार्टी और चौथी बार विजय मिश्रा 2017 में भी जीते थे. पांचवी बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से चुनावी मैदान में हैं. वर्तमान में वह आगरा के सेंट्रल जेल में बंद हैं. उनकी बेटी और पत्नी प्रचार में जुटी हैं. चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में प्रगतिशील मानव समाज पार्टी की तरफ से विजय मिश्रा के पक्ष में एक जनसभा का आयोजन किया गया जहां विधायक की बेटी रीमा पांडे ने अपने पिता के द्वारा दिए गए संदेश को लोगों को सुनाया. उन्होंने जेल से लिखे गए विजय मिश्रा के पत्र को पढ़कर सुनाया. जिसमें विधायक की बेटी ने भावुक शब्दों में अपने पिता के पत्र को पढ़ते हुए जनता से कहा कि उन्होंने क्षेत्र में विकास किए हैं, लोगों के सुख-दुख में वह हमेशा खड़े रहे हैं. विजय मिश्रा की बेटी ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी से नहीं है. उनके पिता भले ही जेल में हैं लेकिन जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है.
जनसभा में उमड़ी भीड़
जनपद भदोही में आज बीजेपी से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दो जगह चुनावी सभा की. वहीं सपा से गठबंधन में ओम प्रकाश राजभर ने भी चुनावी समा बांधा. AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जनसभा के माध्यम से हुंकार भरी है लेकिन जो भीड़ बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की जनसभा में मौजूद थी वो देखने लायक थी. विधायक के गैर मौजूदगी में इस जनसभा में कोई बड़ा नेता नहीं था और नाही कोई बड़ा चेहरा था. बावजूद इसके सभा में मौजूद हजारों की भीड़ कुछ और ही बयां कर रही थी.
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Source: IOCL





















