आगरा: उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बटेश्वर के मुख्य मंदिर के मकर संक्रांति के दिन 10 महीने के अंतराल 301 दिन बाद पट खोले गए. कोरोना गाइडलाइंस के साथ लोगों ने भगवान भोले के दर्शन किये. दूर दराज से पहुंचे भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. जानकारी के अनुसार बाह क्षेत्र के प्रमुख तीर्थ स्थल बटेश्वर में यमुना किनारे भगवान भोले के एक से एक मंदिर चंद्राकार में बने हुए हैं, जहां प्राचीन मंदिरों में भगवान भोले विराजते हैं. हर वर्ष लाखों की संख्या में भगवान भोले के दर्शन करने देश और दुनिया के लोग यहां पहुंचते हैं.

बीते साल 19 मार्च को बंद कर दिये गये थे पट

लेकिन कोरोना काल में कोरोना संक्रमण को लेकर पिछले वर्ष 19 मार्च को तीर्थ बटेश्वर के मुख्य मंदिर ब्रह्म लाल जी महाराज के शासनादेश के बाद पट बंद कर दिए गए. जहां बटे से पहुंचने वाले भोले के भक्तों को मंदिर के बाहर से ही पूजा अर्चना कर वापस लौटना पड़ रहा था, पूरे 10 माह के अंतराल के 301 दिन बाद मकर संक्रांति पर्व के दिन बटेश्वर ट्रस्ट एवं प्रशासन के निर्णय के बाद मुख्य मंदिर के पट खोले गए तो दूर दराज से पहुंचे सैकड़ों की संख्या में भोले के भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा.

खिचड़ी, गुड़, तिल दान किया 

भक्तों ने मंदिर परिसर में कोरोना गाइडलाइंस के अनुपालन में भगवान के दर्शन किए और पूजा अर्चना कर अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की. संक्रांति पर्व पर श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में स्नान कर खिचड़ी गुड़ तिल दान किया. साथ ही भोले के दर पहुंचे श्रद्धालुओं में खुशी देखी गई, तो वहीं बटेश्वर मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह मंदिर खुलने पर पहुंचे जहां उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भोले ब्रह्म लाल महाराज भगवान की पूजा अर्चना की और मकर संक्रांति पर्व के मौके पर दान पुण्य किया.

ये भी पढ़ें.

2022 विधानसभा चुनाव के लिये उत्तराखंड कांग्रेस ने कमर कसी, जिलों के प्रभारी तय किये