Basti News: पिछले दिनों यूपी सरकार के द्वारा प्रदेश में औद्योगिक क्रांति लाने की दिशा में यू०पी० इन्वेस्टर्स समिट का भव्य आयोजन किया गया था, जिसको अभूतपूर्व सफलता भी मिली. मगर व्यापारियों के सामने कुछ व्यवहारिक समस्याएं आ रही है, जिसको लेकर सरकार से उन लोगो का विनम्र अनुरोध है कि शासन स्तर से बस्ती जनपद में उद्योगो में आ रही कठिनाईयों पर विचार करके सम्यक निर्णय लिया जाये, जिससे जनपद के औद्योगिक वातावरण के सृजन में वृद्धि हो सके.


मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि हम आये हुए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में आ रही कुछ कठिनाईयों एवं सुझाव की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते है. यह नीतिगत निर्णय है, जो प्रदेश सरकार के ही प्रयास व स्तर से सम्भव है. पहला ये है कि उद्यमों की स्थापना में सबसे बड़ा अवरोध वित्त है, जिसके लिए बैंको द्वारा वित्तीय सहायता तो प्रदान करने की सहमति प्रदान की जा सकती है, लकिन ऋण के बराबर कोलेट्रल सिक्यूरिटी मांगी जाती है, जो मध्यम या छोटे उद्यमियों के पास उपलब्ध ना होने के कारण प्रोजक्ट पूरा नही हो पा रहा है.


व्यापारियों ने रखी ये मांग
इस सम्बन्ध में हमारा सुझाव है कि पूर्व की भाँति उद्योगो को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए उ०प्र० सरकार द्वारा वित्तीय संस्थाएँ 1-उ०प्र० वित्तीय निगम तथा 2-पिकप की स्थापना की थी, लेकिन समय के हिसाव से बीमार हो गयी है. उद्योगो के वित्तीय प्रबन्धन को 02 भागों में बाटा जाए एक तो फिक्स एसेट्स पर उसे बन्धक बनाकर तथा दूसरा कार्यशील पूँजी बैंको द्वारा दिए जाने की व्यवस्था बने तो उद्यमी तथा बैंको पर भार कम होगा और उद्यमियों को आसानी से ऋण मिल जायेगा जिससे उद्योगो की स्थापना सुगम व सरल हो जायेगा. इस हेतु उ०प्र० सरकार को उद्योगो के लिए वित्तीय निगम का गठन करना पड़ेगा.


दूसरी समस्या है कि भूमि बैंक भी उद्योगों की स्थापना में एक महत्वपूर्ण बिन्दु है, जिसके लिए प्रत्येक जनपद में भूमि बैंक की स्थापना करानी पड़ेगी तथा यूपीसीडा भी अपने औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार कर भूमि उचित दर पर उपलब्ध करायें. बहुत सारे उद्योगों में भूमि की अधिक आवश्यकता होती है और प्राइवेट भूमि एक साथ उचित स्थान पर मिल पाना कठिन है. यदि सरकार द्वारा विकसित भूमि उद्योगों, नालेज पार्क, इण्डस्ट्रियल कोरिडोर तथा टूरिज्म के विकस के लिए विकसित करें तो प्रस्तावित उद्योग/होटल रिजार्टस/विद्यालय/विश्वविद्यालयों की स्थापना सुगम होगी तथा समयावधि मे ही स्थापित हो जायेगी.


इण्डस्ट्रियल कोरिडोर विकसित की मांग
वहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में विद्युत, सड़क, नाली, रॉ मटेरियल आदि की व्यवस्था भी सरकार द्वारा ही करने पर उद्यमियों पर अतिरिक्त बोझ नही पड़ेगा. यदि सरकार औद्योगिक गलियारा/ नॉलेज पार्क / टूरिज्म पार्क आदि व्यवस्था करती है तो सड़क, नाली, विद्युत की व्यवस्था स्वयं ही हो जायेगी, जिससे आसानी से उद्योगों की स्थापना समयावधि मे सम्भव हो पायेगी.


पूर्वान्चल के जनपदों में भूमि, वित्त, इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने पर ही शतप्रतिशत प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जा सकेगा. चौथा औद्योगिक क्षेत्र वा आस्थान की भूमि को फ्री होल्ड में परिवर्तित किया जाना चाहिए जिससे बन्द पड़े उद्योगो की भूमि को कमर्शियल उपयोग में किया जा सकेगा. इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति तो होगी ही उद्यमियों को भी पुनः व्यवसाय का अवसर मिलेगा.


उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार से सहयोग की मांग 
इंडस्ट्रियल एरिया के उद्योग व्यापारियों ने सरकार से अनुरोध है कि उक्त बिन्दुओं को अपने संज्ञान में लेकर सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें कि वे इन बिन्दुओं पर जांचे तथा परखे और आपको अपनी रिपोर्ट दें. ताकि सरकार निष्पक्ष निर्णय लेकर हमारे उद्यमियों की मदद कर उनका उद्योग स्थापित कराने में अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर उद्योग व्यापारियों के हित में काम कर सके.


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