UP News: बस्ती (Basti) में अधिकारियों ने स्वच्छता अभियान का मजाक बनाकर रख दिया है और सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. कभी एक टॉयलेट के अंदर दो-दो सीट लगाने तो कभी बिना दरवाजे और छत के ही शौचालय बनाने का रिकॉर्ड बस्ती के अधिकारियों ने बनाया है, लेकिन इस बार विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने सामुदायिक शौचालय के नाम पर ऐसा खेल खेला की तस्वीरें देखकर यकीनन आपको गुस्सा आ जाएगा.

माधोपुर ब्लाक के रामनगर गांव में बने सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूरा नहीं कराया गया, लेकिन बजट निकालकर सेक्रेटिव प्रधान ने बंदरबांट कर लिया. इस शौचालय में ना टॉयलेट सीटें हैं ना तो दरवाजे हैं, यहां तक कि छत भी नहीं लगाई गई है. हालत यह है कि पूरा शौचालय जंगल में तब्दील हो गया है. अगर आप शौचालय के अंदर प्रवेश करना चाहे तो बामुश्किल ही आप अंदर पहुंच पाएंगे और अंदर पहुंच भी गए तो वहां का नजारा आपको चौंका देगा.

बजट लेने के बावजूद में नहीं कराया काम पूरास्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि 2 साल पहले 7 लाख का बजट खर्च करके स्वच्छता अभियान के तहत सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था, मगर सेक्रेटरी ने धन तो पूरा निकाल लिया मगर काम अधूरा छोड़ कर चले गए. इसका नतीजा यह हुआ कि यह सरकारी सामुदायिक शौचालय आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

इस पूरे मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी राजेश प्रजापति (Rajesh Prajapati) ने कहा कि दोषी सेक्रेटरी तनवीर अशरफ को निलंबित कर दिया गया है और उससे सरकारी धन की रिकवरी भी कराई जा रही है. रही बात सामुदायिक शौचालय निर्माण की तो उसका निर्माण फिर से करवाया जाएगा ताकि ग्रामीणों के उपयोग में वह आ सके.

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