पवित्र श्रावण मास के दौरान उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के लालगंज थाना क्षेत्र में गोकशी की एक वीभत्स घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है. छतौरा नेवारी गांव में गौवंश का कटा हुआ धड़ और सर मिलने के बाद से क्षेत्र में भारी तनाव का माहौल है, और हिंदू संगठनों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है. इस घटना ने लालगंज पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे पूरे थाना क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर गहरी चिंता उत्पन्न हो गई है.
यह सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि पुलिस प्रशासन की ढीली पड़ चुकी पकड़ का जीता-जागता सबूत बन गई है. फिलहाल विश्व हिंदू महासंघ के नेताओं ने गोकशी करने वाले आरोपी का हॉफ एनकाउंटर करने की मांग किया है, जिसका उन्हें पुलिस ने आश्वासन भी दे दिया.
सामाजिक संगठनों ने लगाए आरोपस्थानीय निवासियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों का आरोप है कि लालगंज थाना क्षेत्र इन दिनों अपराधों की बाढ़ से जूझ रहा है. चोरी, लूटपाट, छिनैती और अब गोकशी जैसी जघन्य वारदातें लगातार सामने आ रही हैं. लोगों का कहना है कि पुलिस का खौफ अपराधियों में खत्म हो चुका है, और वे बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
श्रावण मास, जिसे धार्मिक आस्था का महीना माना जाता है, उसमें इस तरह की घटना का होना पुलिस की घोर लापरवाही और संवेदनहीनता को दर्शाता है. यह स्थिति बताती है कि लालगंज पुलिस अपराधियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल रही है, जिससे यह क्षेत्र अब अपराधियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बनता जा रहा है.
गौशालाओं को लेकर बेहद गंभीर हैं सीएम योगी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गौ संरक्षण और गौशालाओं को लेकर बेहद गंभीर है. मुख्यमंत्री स्वयं कई मंचों से गौ संरक्षण को अपनी प्राथमिकता बताते आए हैं. 'कान्हा गौशाला' जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं इसी दिशा में सरकार के प्रयासों का हिस्सा हैं. ऐसे में, श्रावण मास जैसे पवित्र महीने में लालगंज थाना क्षेत्र में गोकशी की यह घटना सीधे तौर पर सरकार की मंशा और प्राथमिकताओं की अनदेखी है.
यह न केवल पुलिस की निष्क्रियता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि स्थानीय स्तर पर सरकारी नीतियों को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है. क्या पुलिस को यह नहीं पता कि गौ संरक्षण सरकार के एजेंडे में कितना ऊपर है? यह सवाल अब हर किसी की जुबान पर है.
विश्व हिंदू महासंघ आक्रोशितगोकशी की खबर आग की तरह फैली और देखते ही देखते विश्व हिंदू महासंघ के कार्यकर्ता आक्रोशित होकर बड़ी संख्या में लालगंज थाने पर पहुंच गए. कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और 'जय श्री राम' के उद्घोष के साथ दोषियों के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर ऐसे मामलों में ढिलाई बरत रही है, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है.
महासंघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने चेतावनी दी है कि, 'यदि पुलिस ने 24 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया, तो हम पूरे जिले में बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे. गौ माता की रक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जाएंगे.' थाने पर करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर शांत करने का प्रयास किया.
खुले में कटा हुआ मिला गौवंश का सरयह हृदय विदारक घटना लालगंज थाना क्षेत्र के छतौरा नेवारी गांव में हुई. गांव से कुछ दूरी पर खुले में गौवंश का कटा हुआ सर और धड़ बरामद किया गया. घटनास्थल पर खून के निशान और अन्य साक्ष्य मिले हैं, जो गोकशी की पुष्टि करते हैं. इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. ग्रामीण दहशत में हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. पुलिस ने पंचनामा भरकर गौवंश के अवशेषों को हटा दिया है, लेकिन ग्रामीणों में भय और आक्रोश साफ देखा जा सकता है. पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
यह घटना लालगंज पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है. उन्हें न केवल इस गोकशी के जघन्य मामले में त्वरित कार्रवाई कर दोषियों को गिरफ्तार करना होगा, बल्कि क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर भी प्रभावी अंकुश लगाना होगा. यदि पुलिस प्रशासन जल्द ही अपनी ढीली कार्यप्रणाली में सुधार नहीं करता है, तो जनता का विश्वास पुलिस से पूरी तरह उठ जाएगा और कानून-व्यवस्था की स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है.