Basti News: ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों में सेंधमारी कर सरकारी धन का गबन करने वाले भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अब बस्ती का जिला प्रशासन सख्त हो गया है. बस्ती मंडल के कमिश्नर के एक आदेश के बाद इन घोटालेबाजों में हड़कंप मचा हुआ है. वित्तीय अनियमितताओं में आरोप की पुष्टि होने के बावजूद मनरेगा एक्ट के तहत एफआईआर ना होने से खफा आयुक्त ने सभी डीएम को आदेश जारी कर दिया है कि सरकारी धन का दुरुपयोग करने वाले हर मामले में तत्काल एफआईआर की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद आनन-फानन में जिलाधिकारी ने 26 कर्मचारी और प्रधानों पर एफआईआर करवा दी जिन पर लाखों रुपये के घोटाले का आरोप है.
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कमिश्नर योगेश्वर राम मिस्र की सख्ती का असर दिखने लगा है. विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन की बंदरबांट करने वाले 5 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी, जेई और तकनीकी सहायक के खिलाफ डीएम की संस्तुति के बाद अंततः डीपीआरओ ने मुकदमा कराने का निर्देश संबंधित ब्लॉक के एडीओ पंचायत को दिया. जिले के ब्लॉक हरैया, रुदौली, बहादुरपुर, सलतौवा गोपालपुर और सदर ब्लॉक की 5 ग्राम पंचायतों में 70 लाख रुपये के गबन का मामला पंचायतों की जांच में सामने आया था.
डीपीआरओ के निर्देश के बाद हुई FIR
वहीं इन मामलों में रिकवरी का आदेश तो हो गया मगर आज तक एफआईआर नहीं दर्ज हुई. अब आयुक्त के आदेश के बाद 5 ग्राम पंचायतों के 26 जिम्मेदारों पर तत्काल एफआईआर संबंधित थानों में दर्ज कराने का निर्देश डीपीआरओ की तरफ से दिया गया. यह आदेश जारी होते ही घोटालेबाज और उससे ज्यादा उनका साथ देने वाले जिम्मेदारों के बीच खलबली मच गई है. उन्हें डर सता रहा है कि कहीं ऐसा ना हो कि मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी उनका भी नाम सार्वजनिक कर दें.
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