Basti News: बस्ती (Basti) के जिला अस्पताल की हालत बद से बदतर हो गई है. इस अस्पताल में एक्सपायरी दवाओं के भरोसे मरीजों का इलाज हो रहा है. वहीं जिम्मेदार इस बात से अनजान है कि वह जिन दवाओं का प्रयोग अस्पताल में आने वाले मरीजों पर कर रहे हैं, वह दवा बहुत पहले ही एक्सपायर हो चुकी है. इसके बावजूद इन दवाओं का उपयोग डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है. बस्ती जिला अस्पताल में स्थापित ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट करने के लिए यहां आने वाले मरीजों की जान के साथ से खिलवाड़ किया जा रहा है.
दरअसल, इमरजेंसी ट्रे में एक्सपायरी दवाओं को रखकर ब्लड डोनरों का इलाज हो रहा है. एक्सपायर हो चुके सारे इंजेक्शन उस वक्त प्रयोग में लाए जाते हैं, जब ब्लड डोनेट करने के लिए आने वाले डोनर को ब्लड डोनेट करते वक्त किसी प्रकार की दिक्कत होने लगे तो आनन-फानन में वहां मौजूद डॉक्टर या नर्स के द्वारा उन्हें इन्हीं इंजेक्शनों के सहारे सामान्य स्थिति में लाया जाता है.
दवाएं 2 से 3 महीने पहले ही हो चुकी एक्सपायरघोर लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिम्मेदारों को यहां तक नहीं पता कि इमरजेंसी ट्रे में जिन दवाओं को रखा गया है, वह 2 से 3 महीने पहले ही एक्सपायर हो चुकी हैं. ब्लड बैंक में तैनात डॉक्टर सरिता और दीपक हमेशा ड्यूटी से नदारद रहते हैं, जिसका नतीजा है कि एक्सपायरी दवाओं के भरोसे यहां आने वाले ब्लड डोनर का इलाज होता है.
ब्लड बैंक में मौजूद लैब टेक्नीशियन भानु ने बताया कि दवाएं रखने और हटाने की जिम्मेदारी संबंधित डॉक्टर और नर्स की है, उनका काम सिर्फ ब्लड निकालने का है. एक्सपायरी दवाओं के बारे में लैब टेक्नीशियन भानु ने बताया कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही पता है कि यह सारे इंजेक्शन किस काम में आते हैं.
पूरे मामले को लेकर जब बस्ती के सीएमओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी अभी मिली है. टीम बनाकर पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी और किन परिस्थितियों में एक्सपायरी दवाएं ब्लड बैंक में रखी गई है और जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई होगी.
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