बसंत पंचमी के मौके पर स्नान के लिए प्रशासन तैयार, श्रद्धालुओं के लिए पुलों के रूट जारी
प्रयागराज महाकुंभ में आज वसंत पंचमी के मौके पर लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान करने वाले हैं. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. प्रशासन ने मेला क्षेत्र में आने जाने के मार्गों के लिए रूट जारी किए हैं.

Maha Kumbh News: बसंत पंचमी स्नान के लिए मेला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र में आने-जाने के मार्गों की जानकारी साझा की गई है, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो.
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मेला क्षेत्र पहुंचे और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए. इसी के तहत प्रशासन ने ट्रैफिक और पुलों के रूट जारी किए हैं. प्रशासन की ओर से जारी किए गए पुलों के रूट से श्रद्धालुओं को घाट तक पहुंचने में असानी मिलेगी.
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने अलग-अलग पुलों को खोलने का फैसला किया है.
- अरैल से झूंसी जाने के लिए पुल नंबर 28 खुला रहेगा.
- संगम से झूंसी जाने के लिए श्रद्धालु पुल नंबर 2, 4, 8, 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23 और 25 का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- झूंसी से संगम जाने के लिए पुल नंबर 16, 18, 21 और 24 उपलब्ध रहेंगे.
- झूंसी से अरैल जाने के लिए पुल नंबर 27 और 29 खुले रहेंगे.
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित मार्गों का ही प्रयोग करें, ताकि आवागमन सुचारू रूप से चलता रहे और किसी को परेशानी न हो. मौनी अमावस्या के हादसे से प्रशासन ने सबके लेते हुए घाट में आने और जाने के मार्ग निर्धारित किए हैं. इसके साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गई है.
बसंत पंचमी स्नान का महत्व
बसंत पंचमी का पर्व विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व होता है. प्रयागराज में संगम पर बसंत पंचमी का स्नान सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है. यह माघ मेले के मुख्य स्नानों में से एक है. हर साल बसंत पंचमी पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए आते हैं. इस बार भी भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने पुलिस, जल पुलिस, गोताखोर और स्वास्थ्य सेवाओं की विशेष व्यवस्था की है.
मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है. पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं. मेडिकल कैंप और खोया-पाया केंद्र भी स्थापित किए गए हैं. प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कोई अफवाह न फैलाएं और सहयोग करें, ताकि स्नान पर्व शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से पूरा हो सके.
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