उत्तर प्रदेश के बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रिय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपने एक बयान में महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अबू आजमी ने जो कहा है वो बिल्कुल सही है. आजादी के आन्दोलन में 1857 से लेकर 1947 तक अंसंख्य मुसलमानों ने कुर्बानियां दी हैं. बोले कि आज कुछ लोग बिना वजह मुसलमानों पर सवाल उठाते हैं.

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अबू आजमी ने हाल ही में आजादी के आन्दोलन में मुस्लिमों की भूमिका को लेकर बयान दिया था. जिस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रहीं थीं. अब मौलाना शाहबुद्दीन के समर्थन से यह स्पष्ट हो चुका है कि तमाम मुस्लिम संगठन अबू आजमी की बात से सहमत हैं.

मुसलमानों ने अनगिनत कुर्बानियां दी हैं

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बरेली में कहा, "1857 हो या 1947, भारत की आजादी के लिए असंख्य मुसलमानों ने बलिदान दिया. मदरसों से जुड़े लगभग 55,000 छात्रों और उलेमाओं ने राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान कुर्बान की. आज कुछ संकीर्ण ताकतें मुसलमानों की आजादी में भूमिका पर सवाल उठा रही हैं और दावा कर रही हैं कि उनका कोई योगदान नहीं था. यह पूरी तरह गलत है और ऐतिहासिक दृष्टि से भी गलत है."

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मौलाना शाहबुद्दीन ने आगे कहा कि मुसलमानों ने हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए काम किया है. 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में मुसलमानों की अहम भूमिका रही, जबकि 1947 तक के आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. उन्होंने संकीर्ण सोच वाली ताकतों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे दावे न केवल गलत हैं, बल्कि देश की एकता को कमजोर करने वाले हैं.

अबू आज़मी को मिला समर्थन

सपा नेता ने महाराष्ट्र में एक बयान में मुस्लिमों की आजादी के आन्दोलन में भूमिका पर बात कही थी. उन्होंने कहा था कि आज़ादी के पहले आन्दोलन से लेकर अब तक देश के लिए अनिगिनत मुसलमानों ने कुर्बानियां दी हैं. कोई देशभक्ति का सर्टिफिकेट न बांटे. अब बरेलवी मसलक के मौलाना रजवी ने उनका समर्थन कर दिया है.