Barabanki News: शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जो इसे पियेगा दहाड़ेगा. बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर कि यह लाइन चरितार्थ होती है यूपी के बाराबंकी जिले के एक युवक रामकेवल पर, जिन्होंने शिक्षा के महत्व को न सिर्फ समझा बल्कि हाई स्कूल परीक्षा पास कर पूरे गांव का सिर ऊंचा कर दिया, क्योंकि आज तक इस गांव में किसी ने हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की थी.

राजधानी के निकतवर्ती जनपद बाराबंकी में शिक्षा के प्रति अलख जगाने वाली कोई भी आवाज कारगर न हो सकी. वर्ष 2025 में निजामपुर मजरे के एक छात्र ने पहली बार हाईस्कूल परीक्षा पास कर गांव में संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं. वह अपने गांव के पहले ऐसे छात्र हैं, जिसने हाई स्कूल परीक्षा पास की है. उनकी इस उपलब्धि पर न सिर्फ ग्रामीण, बल्कि शिक्षक भी बधाई दे रहे हैं.

मां के प्रयासों से पास की हाईस्कूल की परीक्षाउन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव से सटे प्राथमिक विद्यालय अहमदपुर प्रथम से प्राप्त की, कक्षा पांच पास करने के बाद उन्होंने गांव से लगभग दो सौ मीटर दूर पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजा कटरा से कक्षा आठ की परीक्षा उत्तीर्ण की. उसके बाद मां के प्रयास से उनका दाखिला राजकीय इंटर कॉलेज अहमदपुर में हुआ. जहां से उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है. गांव में सात-आठ लोग ही आठवीं तक पढ़े लिखे हैं. कुछ लोग पाचवीं भी पास हैं, इस गांव में करीब 40 परिवार रहते हैं. 

प्रधानाध्यापक शैलेंद्र द्विवेदी ने बताया कि, अंग्रेजी शासन काल से निजामपुर में यह विद्यालय है. 1923 में स्थापना व 1926 से विद्यालय संचालित हुआ था. यहां से कांग्रेस नेता मोहसिना किदवई ने भी परीक्षा पास की थी, जिसका शिलान्यास वर्ष 2013 में किया गया था. गांव के चारों तरफ स्कूल होने का बावजूद निजामपुर के लोगों में पढ़ने की ललक नहीं थी. यहां के अधिकांश लोग मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. 

रामकेवल के पिता निरक्षर और पिता साक्षररामकेवल के पिता जगदीश प्रसाद निरक्षर हैं, जबकि मां पुष्पा साक्षर हैं. कक्षा आठ पास करने के बाद मां ने बेटे का नाम जीआइसी अहमदपुर में लिखा दिया. किसी तरह से रुपए एकत्र कर फीस जमा की. पुष्पा ने हार नहीं मानी और स्कूल में रसोइया का कार्य करने पर मिलने वाले मानदेय से उन्होंने अपने बेटे को फीस के पैसे दिए. पुष्पा ने बताया कि बचपन में अपने भाई को ढिबरी को रोशनी में पढ़ते देखती थीं.

उपजिलाधिकारी रामसनेहीघाट अनुराग सिंह बताते हैं कि रामकेवल गांव के पहले छात्र हैं, जिन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने छात्र राम केवल को सम्मानित किया. डीएम ने कहा रामकेवल ने न सिर्फ यह परीक्षा पास की है बल्कि गांव में शिक्षा की संभावनाओं को बल दिया है.

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