बाराबंकी में शुक्रवार को उस समय हड़कम्प मच गया, जब यहां के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में 11वीं की छात्रा नंदिनी की हार्ट अटैक से मौत हो गयी. नंदिनी क्लास में ही थी तभी उसकी तबियत बिगड़ी, जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया तब तक उसकी मौत हो गयी. परिजनों के साथ ही स्कूल में  शोक की लहर दौड़ गयी है.

बता दें कि टिकैतनगर थाना क्षेत्र के नियामतगंज गांव की रहने वाली नंदिनी वर्मा अपनी दो बहनों, सुधा और सविता, के साथ शहर के श्रावस्ती नगर में रहकर पढ़ाई कर रही थी. पिता राजितराम वर्मा की नियामतगंज में कीटनाशक (पेस्टीसाइड) की दुकान है.

स्कूल के प्रधानाचार्य शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नंदिनी सुबह 11:30 बजे तक सहेलियों के साथ हंसते-बातचीत करते हुए पूरी तरह स्वस्थ थी. छठे पीरियड की शुरुआत में वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी. सहपाठियों और शिक्षकों ने तुरंत उसे संभाला और स्कूल प्रशासन ने महज 10 मिनट में उसे जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं.

प्रधानाचार्य शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि नंदिनी हमारे स्कूल की होनहार छात्रा थी. उसने हाईस्कूल में 87.66% अंक हासिल कर जिले की टॉप-10 सूची में जगह बनाई थी. गणित में उसकी विशेष रुचि थी और वह इंजीनियरिंग का सपना देख रही थी. घटना से 5 मिनट पहले तक वह सहेलियों से बात कर रही थी. उसकी अचानक मौत ने हमें स्तब्ध कर दिया.

साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका

ट्रॉमा सेंटर के डॉ. राजेश कुशवाहा ने बताया कि नंदिनी को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था. प्रारंभिक जांच में साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका जताई जा रही है, लेकिन सटीक कारण जानने के लिए पोस्टमॉर्टम आवश्यक था. नंदिनी के परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया और शव को गांव ले गए, जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

एक महीने में दूसरी घटना

यह घटना बाराबंकी में एक महीने के भीतर दूसरी ऐसी घटना है. इसी महीने 1 जुलाई को सेंट एंथोनी स्कूल के 12 वर्षीय छात्र अखिल प्रताप सिंह की भी स्कूल गेट पर अचानक बेहोश होने के बाद मौत हो गई थी. उस मामले में भी साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका जताई गई थी.

इन घटनाओं ने अभिभावकों और शिक्षा जगत में चिंता बढ़ा दी है. विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में साइलेंट हार्ट अटैक जैसे मामलों की बढ़ती संख्या पर ध्यान देने और स्कूलों में नियमित स्वास्थ्य जांच की जरूरत है.

परिजनों में कोहराम, स्कूल में शोक

नंदिनी की अचानक मौत की खबर से उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उनकी दो बहनें और पिता सदमे में हैं. स्कूल में सहपाठी और शिक्षक स्तब्ध हैं. नंदिनी की मेहनती और विनम्र स्वभाव के लिए सभी उनकी तारीफ करते थे. यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 87.66% अंक लाने वाली नंदिनी इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही थी, लेकिन यूपी बोर्ड की मेरिट सूची में नाम न आने का उसे गहरा अफसोस था.

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

अस्पताल चौकी प्रभारी प्रदीप सिंह ने बताया कि परिजनों ने पोस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया, जिसके बाद शव उन्हें सौंप दिया गया. पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की है, लेकिन परिजनों ने किसी तरह की शिकायत दर्ज नहीं की है.