उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में लोधेश्वर महादेव कॉरिडोर निर्माण को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. सीएम योगी के 200 करोड़ के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर स्थानीय लोगों ने मुआवजे में देरी की शिकायत करते हुए आरोप लगाए हैं. लोधौरा निवासी उषा देवी ने तीन महीने में मुआवजे के आश्वासन के बाद भी न मिलने पर रोष जताया है और लिखित शिकायत की है.

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उषा के पति दिनेश बाजपेयी ने करोड़ों के घोटाले का दावा किया, जबकि डीएम शशांक त्रिपाठी ने प्रक्रिया को 3 महीने में पूरा करने का भरोसा दिया.

मकान की रजिस्ट्री के एक साल बाद भी नहीं मिला मुआवजा

उषा देवी के मुताबिक 26 सितंबर 2024 को उनके मकान की रजिस्ट्री हो गई, लेकिन एक साल बाद भी पैसे नहीं मिले. बुलडोजर से मकान गिरा दिया गया. गरीबों का हक छीना जा रहा है. उनके पति दिनेश बाजपेयी ने लेखपाल और SDM पर गंभीर आरोप लगाए. बोले कि एक साल हो गया बैनामा कराया, पैसे नहीं मिले. पहले रहने की जमीन देने का वादा किया. 10 बीघा पर 10 करोड़, 20 बीघा पर 5 लाख?

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डीएम का दावा जल्द विवाद सुलझा लेंगे

डीएम शशांक त्रिपाठी ने कहा कि कॉरिडोर के लिए 5 हेक्टेयर से अधिक जमीन चाहिए. 3 हेक्टेयर से अधिक की रजिस्ट्री हो चुकी है, बाकी के लिए लैंड एक्विजिशन चल रहा है. जल्द ही सारे विवाद निपटा लिए जाएंगे. कुछ जगह विवाद हैं उन पर काम चल रहा है मुआवजे की प्रक्रिया भी तेज कर दी जाएगी .

क्या है लोधेश्वर महादेव कॉरिडोर ?

बता दें कि बाराबंकी के रामनगर में स्थित प्राचीन लोधेश्वर महादेव मंदिर को विकसित करने का यह प्रोजेक्ट मार्च 2025 में 200 करोड़ की मंजूरी मिली. इसमें 5 द्वार, सरोवर, पार्किंग और आश्रय स्थल बनेंगे. इसे वाराणसी कॉरिडोर की तर्ज पर बनाया जाएगा.

महंत आदित्यनाथ तिवारी ने लोधेश्वर महादेव कॉरिडोर निर्माण के लिए योगी सरकार की तारीफ़ की है. उन्होंने कहा कि इससे धार्मिक क्षेत्र का विकास तेज होगा, जबकि उन्होंने सपा सरकार मेंउपेक्षा का आरोप लगाया है.