UP News: यूपी के बाराबंकी में बुधवार को हैरान कर देने वाला वाक्या हुआ. दो ट्रेनों को खड़ी कर लोको पायलट सोने चले गए. एक ट्रेन करीब चार घंटे तक रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही. दूसरी ट्रेन के यात्री भी दो घंटे से ज्यादा हलकान होते रहे. ट्रेन खुलने का इंतजार कर रहे यात्रियों का धैर्य जवाब दे गया. उन्होंने रेलवे स्टेशन पर जमकर हंगामा किया. मामला बाराबंकी के बुढ़वल रेलवे स्टेशन का है. ट्रेन नंबर 02553 यात्रियों को सहरसा से लेकर नई दिल्ली के लिए जा रही थी.


ड्यूटी खत्म होने के बाद खड़ी कर दी ट्रेन


दोपहार करीब 1 बजे बुढ़वल रेलवे स्टेशन पहुंची सहरसा-नई दिल्ली एक्सप्रेस का लोको पायलट ट्रेन से उतरकर आराम करने चला गया. ट्रेन के काफी देर तक रुके रहने का माजरा यात्रियों को समझ नहीं आया. उन्होंने रेलवे स्टेशन पर जाकर पूछताछ की. पता चला कि ट्रेन के लोको पायलट की ड्यूटी खत्म हो गई है. इसलिए ट्रेन को आगे ले जाने से इनकार कर दिया है.


स्टेशन पर मुसाफिर घंटों करते रहे इंतजार


यात्रियों ने दूसरे ड्राइवर की व्यवस्था करने को कहा. स्टेशन मास्टर ने यात्रियों के सवाल का जवाब नहीं दिया. स्टेशन मास्टर के रवैयै से नाराज हजारों यात्रियों ने हंगामा खड़ा कर दिया. नाराज यात्रियों ने दूसरी ट्रेन को जबरदस्ती रुकवा दिया. स्थिति बिगड़ता देखकर रेलवे पुलिस भी मौके पर पहुंची. रेलवे स्टेशन पर काफी देर तक हंगामा होता रहा. बवाल बढ़ता देख अधिकारियों ने ट्रेन के ड्राइवर को समझा-बुझाया.


अधिकारियों ने लोको पायलट से की मिन्नत


अधिकारियों की मिन्नत पर ड्राइवर ट्रेन को आगे ले जाने के लिए तैयार हुआ. सहरसा-नई दिल्ली एक्सप्रेस की रवानगी पर रेलवे के अधिकारियों ने राहत की सांस ली. कुछ देर बाद अधिकारियों की मुश्किल एक बार फिर शुरू हो गई. बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर लोको पायलट ने शाम करीब 5 बजे 15205 लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस को लाकर खड़ी कर दिया. काफी देर होने के बाद यात्रियों ने ट्रेन आगे नहीं बढ़ने की वजह का पता लगाया.


पता चला कि लोको पायलट ने ड्यूटी खत्म होने के बाद ट्रेन को आगे ले जाने से इनकार कर दिया है. हवाला दिया गया कि लोको पायलट को नींद आ रही थी. दूसरी ट्रेन के घंटों खड़ी होने की जानकारी से रेलवे प्रशासन के होश उड़ गए. गुस्साए यात्रियों ने भी रेलवे स्टेशन पर बवाल काटना शुरू कर दिया. यात्रियों का हंगामा बढ़ता देख रेलवे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. 


देरी के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया


अधिकारियों ने लोको पायलट से काफी मान-मन्नौवल की. लोको पायलट आगे ट्रेन ले जाने को तैयार नहीं था. यात्रियों ने देरी के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि एक लोको पायलट की ड्यूटी खत्म होने पर दूसरे लोको पायलट को ट्रेन आगे ले जाने के लिए बुलाना चाहिए था. रेलवे विभाग की लापरवाही से दोनों ट्रेन कई घंटे तक खड़ी रही. ट्रेन के नहीं खुलने से यात्रियों का भी काफी समय बर्बाद हुआ. कई यात्रियों की जरूरी मीटिंग्स छूट गई. 


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