Devi patan Temple: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब राज्य के धार्मिक स्थलों को आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से सजाकर उन्हें पर्यटन केंद्रों में बदलने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. इसी क्रम में बलरामपुर जिले के तुलसीपुर स्थित प्रसिद्ध देवीपाटन शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं के लिए खास तोहफा तैयार किया जा रहा है. अब श्रद्धालु म्यूजिकल फाउंटेन, लेज़र शो, बीम प्रोजेक्शन और पानी की स्क्रीन पर चलने वाले वीडियो प्रजेंटेशन के ज़रिए मां पाटेश्वरी की महिमा, मंदिर का इतिहास और इस स्थल का महत्व जान सकेंगे.

सरकार ने इस परियोजना को 180 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है. इसमें डिज़ाइन से लेकर इंस्टॉलेशन और सिस्टम चालू करने तक सभी काम शामिल हैं. म्यूजिकल फाउंटेन को पानी में तैरते हुए इस तरह से बनाया जाएगा कि रंग-बिरंगी रोशनी और संगीत के साथ यह श्रद्धालुओं को एक भव्य अनुभव दे सके. साथ ही लेज़र शो में मां पाटेश्वरी से जुड़ी कहानियां और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत पेशेवर आवाज़ और एनिमेशन के साथ दिखाई जाएंगी.

यह परियोजना केवल धार्मिक आस्था को मजबूती नहीं देगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल देगी. श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से होटल, परिवहन, दुकानदारी जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

देवीपाटन मंदिर का गौरवशाली इतिहासदेवीपाटन शक्तिपीठ उत्तर भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. यह मां पाटेश्वरी को समर्पित है और 51 शक्तिपीठों में इसकी मान्यता है. मान्यता है कि यहां माता सती का बायां कंधा गिरा था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना महाभारत काल में पांडवों ने की थी. नवरात्रि में यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यहां स्थित प्राचीन कुंड और चारों ओर का प्राकृतिक वातावरण श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को आकर्षित करता है.

योगी सरकार का धार्मिक पर्यटन पर विशेष ध्यानयोगी आदित्यनाथ सरकार धार्मिक पर्यटन को उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. अयोध्या में राम मंदिर और परिसर का निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम का पुनर्विकास, विंध्याचल और नैमिषारण्य जैसे स्थलों का सौंदर्यीकरण इसी नीति का हिस्सा है. अब देवीपाटन मंदिर में यह नया प्रयास क्षेत्र के विकास और श्रद्धालुओं के अनुभव को और बेहतर बनाएगा.

सरकार का मानना है कि श्रद्धा के साथ तकनीक और सुविधा को जोड़कर न केवल लोगों को बेहतर अनुभव दिया जा सकता है, बल्कि पर्यटन के जरिए रोजगार और आर्थिक विकास को भी गति दी जा सकती है. देवीपाटन मंदिर की यह नई परियोजना इसी सोच का उदाहरण है.

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