मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के कटंगी परिक्षेत्र में एक बार फिर बाघ का आतंक लौट आया है. आदमखोर बन चुका बाघ अब तक कई बार इंसानों पर हमला कर चुका है. बाघ के हमले में सिवनी जिले का एक चरवाहा गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे इलाज के लिए नागपुर रेफर किया गया है. वहीं बाघ की तलाश में रेस्क्यू टीम पिछले तीन दिनों से जंगल में डेरा डाले हुए है.

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जानकारी के मुताबिक, यह घटना अंबेझरी गांव के पास की बताई जा रही है, जहां शनिवार शाम को 60 वर्षीय चरवाहा खेमराज नाने मवेशी चराने गया था. अचानक झाड़ियों से निकले बाघ ने उस पर झपट्टा मारा. गिरने की वजह से उसकी जान तो बच गई, लेकिन वह गंभीर रूप से घायल हो गया. ग्रामीणों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां हालत नाज़ुक होने पर नागपुर रेफर कर दिया गया है.

तीन दिनों से बाघ की तलाश कर रहे वनकर्मी

पिछले तीन दिनों से पेंच टाइगर रिजर्व से आई रेस्क्यू टीम, हाथी दल और ड्रोन कैमरों की मदद से जंगल में बाघ की तलाश कर रही है. मगर, वन विभाग की टीम के हाथ बाघ नहीं लग सका है, जिससे स्थानीय रहवासियों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में एक नहीं, बल्कि दो बाघ सक्रिय हैं.

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ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

अंबेझरी, पथरापेठ और पिपरवानी गांवों में लोगों में जबरदस्त दहशत है. परिक्षेत्र अधिकारी बाबूलाल चढ्ढार ने बताया कि रेस्क्यू टीम पूरी ताकत से बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही है. हालांकि ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.

एक साल में बाघ के हमले में 5 मौत

बता दें कि बीते एक साल में अब तक बाघ के हमले से पांच ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, वहीं शनिवार को घटी यह छठवीं घटना है जिसमें चरवाहा गंभीर रूप से घायल हो चुका है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. फिलहाल बाघ की लोकेशन को लेकर रेस्क्यू टीम अलर्ट है, लेकिन लगातार हो रहे हमले से जंगल से सटे गांवों में डर का माहौल बना हुआ है.