उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों के आतंक ने एक बार फिर पूरे इलाके को दहला दिया है. बीती रात एक मासूम बच्ची को मौत के घाट उतारने के बाद वन विभाग ने सर्च ऑपरेशन तेज करते हुए एक और आदमखोर भेड़िये को मार गिराया है.

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ताजा कार्रवाई के बाद अब तक कुल पांच भेड़िए मारे जा चुके हैं, लेकिन वन विभाग का कहना है कि खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है, क्योंकि इलाके में और भी भेड़ियों की मौजूदगी की आशंका है.

अब तक 11 लोगों की जान ले चुके हैं भेड़िए

वन विभाग के अनुसार, यह आदमखोर भेड़िया बहराइच के कैसरगंज क्षेत्र में गोड़इया नंबर तीन के पास नदी की कछार स्थित गजराज पुरवा इलाके में मारा गया. यह वही इलाका है, जहां भेड़ियों के हमले लगातार सामने आ रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह भेड़िया बेहद हिंसक था और अब तक इस क्षेत्र में 11 लोगों की जान भेड़ियों के हमलों में जा चुकी है, जबकि 32 लोग घायल हुए हैं.

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इस पूरे मामले की शुरुआत उस दर्दनाक घटना से हुई, जब ग्राम गोडहिया नंबर चार के मजरा जरूवा निवासी राम कुमार की एक साल की बेटी आरवी भेड़िये का शिकार बन गई. बच्ची अपनी मां राम कुमारी के साथ घर के बरामदे में सो रही थी. भोर के समय अचानक भेड़िए ने हमला कर दिया और बच्ची को उठा ले गया. मां की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और भेड़िए के पीछे दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. मासूम को बचाया नहीं जा सका, जिससे पूरे गांव में शोक और आक्रोश फैल गया.

हादसे के बाद अलर्ट मोड में वन विभाग

घटना के बाद वन विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया. डीएफओ बहराइच राम सिंह यादव ने बताया कि रात में कोहरा अधिक होने के कारण भेड़िये को ट्रैक करने में दिक्कत आ रही थी. इसके बाद सुबह से लगातार ट्रैकिंग की गई. भेड़िये के पगचिह्नों के आधार पर उसकी लोकेशन का पता लगाया गया. झाड़ियों में छिपे हुए भेड़िये को पहचान कर उसे शूट किया गया.

अपने बच्चों को अकेला न छोड़ने की अपील की- विभाग

डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि मारा गया भेड़िया नर था और उसकी उम्र करीब 4 से 5 साल थी. उन्होंने यह भी कहा कि यह इलाका भेड़ियों का प्राकृतिक वास क्षेत्र है, इसलिए यहां और भी भेड़िये हो सकते हैं. हालांकि, सभी भेड़िये हिंसक नहीं होते, लेकिन एहतियात के तौर पर पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है. वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और बच्चों को अकेला न छोड़ने की अपील की है, ताकि आगे किसी और अनहोनी से बचा जा सके.

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