उत्तर प्रदेश सरकार अब नागरिकता सत्यापन को और सख्ती से लागू करने की तैयारी कर रही है, यूपी सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, कई जिलों में संदिग्ध व्यक्तियों का रिकॉर्ड और गतिविधियों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. आशंका यह है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक न केवल बस चुके हैं बल्कि कई सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के साथ वोटर सूची में अपना नाम भी दर्ज करा चुके हैं.

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वहीं बहराइच जिले में कल्पीपारा, तिकोनिबाग दरगाह सहित एक दर्जन से अधिक ऐसे जगह हैं, जहां सैकड़ों की संख्या में खानाबदोश लोग जीवन यापन करते हैं. झुग्गियों में रहने वाले लोग कबाड़ का काम करते हैं, इनके साथ इनका पूरा परिवार इसी काम मे लगा रहता है. अज्ञात लोगों के पास कोई ऐसे दस्तावेज नही हैं जिससे इनकी पहचान की जा सके.

'झुग्गियों में रह रहे लोगों को की हो जांच'

वहीं हिन्दू संगठनों का मानना है, "घुसपैठ की यह समस्या केवल जनसंख्या का सवाल नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था सुरक्षा और राष्ट्रीय हित से जुड़ा मुद्दा है." विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष बताया कि जो लोग भी झुग्गियों में रह रहे हैं तो उनकी जांच पड़ताल की जाए, अगर वह वैध तरीके से नहीं रह रहे हैं तो कार्रवाई की जाए.

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'दस्तावेज नहीं होने पर की जा रही पूछताछ'

झोपड़ी में रहने वाले लोगों को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा, "हर हाल में ऐसे लोगों की जांच होनी चाहिए और जगह-जगह जांच की प्रक्रिया की जा रही है जिनके पास दस्तावेज नहीं है उनसे पूछताछ करके कार्रवाई की जा है." एसपी ग्रामीण डीपी तिवारी ने कहा कि शासन से निर्देश मिलने के बाद से जगह-जगह जांच अभियान चलाया जा रहा है, संदिग्ध लोगों की जांच की जा रही है. अगर कोई दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी.