UP News: बहराइच (Bahraich)  में ग्रामीणों को तेंदुए के आतंक से निजात मिल गई. इलाके में तेंदुआ पिछले चार महीनों से आतंक का पर्याय बना हुआ था. नानपारा वन रेंज में ग्रामीणों के चेहरे पर अनहोनी की आशंका साफ देखी जा सकती थी. मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम ने करीब चार-पांच वर्ष की मादा तेंदुआ को पिंजरे में कैद कर लिया. तेंदुआ को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया गया था. प्रभागीय वनाधिकारी और तेंदुआ बचाव अभियान के कमांडर आकाशदीप बधावन ने बताया कि खैरीघाट और आसपास के इलाकों में एक मादा तेंदुआ अपने एक या दो शावकों के साथ बीते कुछ महीनों से घूम रही थी. तेंदुए का परिवार पांच अगस्त से अभी तक हमला कर पांच लोगों को मौत के घाट उतार चुका है.


चार महीने बाद खत्म हुई तेंदुए की दहशत


खूंखार तेंदुए की चपेट में आने से दो बच्चे भी घायल हुए थे. उन्होंने बताया कि मादा तेंदुए के शावक को भी शनिवार की रात पिंजरे में कैद कर लिया गया था. शावक जन्म से जंगल की बजाय मां के साथ रह रहा था. उसने ठिकाना रिहायशी इलाकों के आसपास बना रखा था. इसलिए जंगल में शिकार करने के तरीके से अंजान था. डीएफओ के अनुसार मादा तेंदुआ शावक को शिकार करना सिखा रही थी. इस क्रम में दोनों तेंदुए (मां और शावक) पालतू गाय, बैल, कुत्ते, सियार को निशाना बनाते थे. हमले की चपेट में आकर ग्रामीण भी जान गंवा देते या घायल हो जाते थे. उन्होंने बताया कि मानव वन्यजीव संघर्ष की बढ़ रही घटनाओं को ध्यान में देखते हुए वन विभाग की टीम तेंदुए को चार महीने से पकड़ने में लगी थी.


वन विभाग की टीम ने पिंजरे में किया कैद


आबादी में विचरण कर रहे तेंदुओं को पकड़ने के लिए पिंजड़े लगाए गए थे. आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से चलाए गये अभियान की बदौलत 25 नवंबर शाम करीब 7.30 बजे तेंदुए का शव पिंजरे में कैद हो गया. शावक की उम्र करीब 10-12 महीने होने का अनुमान है. अपने शावक की तलाश मेंमां मादा तेंदुआ आसपास ही विचरण कर रही थी. मंगलवार की सुबह मादा तेंदुआ भी पिंजरे में कैद हो गयी. बधावन ने बताया कि मादा तेंदुआ और शावक को बहराइच वन प्रभाग की नानपारा रेंज और कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज के निकट ग्राम लोनियनपुरवा में पकड़ा गया है. उन्होंने बताया कि अभी पुष्टि नहीं हुई है कि दूसरा शावक मौजूद भी है या नहीं. डीएफओ ने बताया कि पकड़े गए दोनों तेंदुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है. दोनों वन्यजीव स्वस्थ हैं. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों की अनुमति से चिड़ियाघर भेजने की सिफारिश की गई है. 


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