बागपत पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिसमें उसने डिजिटल अरेस्ट और फर्जी वीडियो कॉल के जरिए लोगों से लाखों की ठगी करने वाले एक शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है. थाना साइबर क्राइम पुलिस ने मुख्य अभियुक्त अर्जुन को गिरफ्तार किया, जिसने विभिन्न राज्यों में 96 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी की थी. पुलिस ने उसके पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड, चेकबुक और 2.32 लाख रुपये फ्रीज किए हैं.
पुलिस के मुताबिक अभियुक्त अर्जुन और उसके साथियों ने व्हाट्सएप ग्रुप कॉल के जरिए लोगों को निशाना बनाया. एक मामले में विजय कुमार नाम के शख्स को जज, पुलिस अधिकारी और वकील की डीपी लगी वीडियो कॉल आई, जिसमें उन्हें धमकाया गया कि उनके आधार कार्ड से वित्तीय फ्रॉड हुआ है और मुंबई पुलिस ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया है. डरे-सहमे विजय कुमार से उनके खाते के पूरे 7 लाख रुपये आईडीएफसी बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए गए.
गिरोह का नेटवर्क
गिरफ्तार अर्जुन ने पूछताछ में बताया कि बिजनेस में घाटा होने के बाद उसने अपने साथियों चेतन, जय, समीर और सिद्धार्थ के साथ मिलकर साइबर ठगी शुरू की. यह पूरी ठगी दिल्ली के नवादा मेट्रो स्टेशन के पास होटल विहान से अंजाम दी गई. अर्जुन पर बागपत के अलावा केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से भी शिकायतें दर्ज हैं, जहां ठगी की रकम 96 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है.
पुलिस की कार्रवाई
बागपत के पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार राय ने इस कार्रवाई को साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी सफलता बताया. उन्होंने कहा कि हमने साइबर ठगी करने वाले बड़े नेटवर्क को तोड़ने में कामयाबी हासिल की है. हालांकि, गिरोह के अन्य आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में हमारी कार्रवाई जारी है. एसपी राय ने आम जनता से अपील की कि वे साइबर फ्रॉड से सावधान रहें और किसी भी तरह की संदिग्ध कॉल या मैसेज की सूचना तुरंत पुलिस को दें.