Baba Ramdev On Waqf Law: हरिद्वार के कनखल स्थित दिव्य योग मंदिर राम मुलख दरबार और पतंजलि योगपीठ के एकीकरण समारोह के अवसर पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने देश, धर्म और राजनीति से जुड़े कई अहम मुद्दों पर खुलकर विचार रखे. इस दौरान उन्होंने वक्फ कानून को लेकर हो रहे विरोध को वोट बैंक की राजनीति बताया और इसे देश में एक संविधान और एक कानून की व्यवस्था के लिए जरूरी बताया.
स्वामी रामदेव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर वक्फ कानून नहीं बनता तो विभिन्न समुदाय अपने-अपने बोर्ड और नियम-कानून बनाने की मांग करते रहते. उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रवृत्तियां देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बन सकती थीं, इसलिए वक्फ कानून जरूरी है. उन्होंने कहा कि वक्फ कानून के बनने से पूरे भारत में समान कानून और समान संविधान की भावना को बल मिलेगा, जिससे देश और अधिक संगठित और समरस होगा.
इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने उत्तराखंड सरकार द्वारा गांवों के नाम बदले जाने के निर्णय का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक कदम है, जिससे हमारी प्राचीन पहचान और गौरव को पुनर्स्थापित किया जा रहा है.
देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि भगवान श्रीराम केवल हिंदुओं के नहीं बल्कि पूरे देश के नायक हैं. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पूर्वज भी भगवान राम हैं, इसलिए उन्हें इधर-उधर की बातों में न पड़कर मुख्यधारा में आना चाहिए. राम केवल एक धर्म विशेष के नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के नायक हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर भड़के रामदेवस्वामी रामदेव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा रामनवमी के जुलूस पर लगाई गई पाबंदी पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्यों रामनवमी, जन्माष्टमी और यहां तक कि ईद जैसे पर्वों पर भी पाबंदी लगाई जाती है? उन्होंने कहा कि यह सब तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा है और देशवासियों को इससे सावधान रहना चाहिए.
समारोह के दौरान दिव्य योग मंदिर राम मुलख दरबार का पतंजलि योगपीठ में विधिवत विलय किया गया. इस एकीकरण को लेकर योग गुरु रामदेव ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारतीय योग और संस्कृति के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण, योगाचार्य स्वामी लालजी महाराज समेत कई संत-महापुरुष और श्रद्धालु उपस्थित रहे.
स्वामी रामदेव ने इस अवसर पर कहा कि पतंजलि योगपीठ का उद्देश्य केवल योग और आयुर्वेद का प्रचार ही नहीं, बल्कि राष्ट्र को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत करना भी है. उन्होंने सभी धर्मों, समुदायों और विचारधाराओं से जुड़े लोगों से आह्वान किया कि वे देशहित और समाजहित को सर्वोपरि रखें और एकजुट होकर राष्ट्र की सेवा करें वही बाबा के इस बयान के बाद एक बार फिर से राजनीति गर्म सकती है